गुवा । नक्सल प्रभावित सारंडा के सुदूरवर्ती गांव कुलायबुरु के लगभग 90 परिवार पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। हालांकि पीएचईडी विभाग ने गांव के विभिन्न टोलों में तीन माह पूर्व पांच नये चापाकल लगाये हैं। लेकिन इसे अब तक सोलर, मोटर सिस्टम से नहीं जोड़ा गया है।
गांव के दामु गागराई एवं विजय गागराई ने बताया की पीएचईडी विभाग के आदेश पर संबंधित ठेकेदार गांव में पांच चापाकल लगाकर चापाकल के बोरवेल में समर सेबल डाल उसे बिजली तार से कनेक्ट कर तार बाहर निकाला है। साथ हीं पांचों चापाकल में लगे मोटर को सोलर पैनल से संचालित करने के लिए सोलर प्लेट भी गांव में लाकर रखा है। लेकिन पिछले तीन माह के बाद भी स्ट्रक्चर खड़ा कर सोलर प्लेट व पानी टैंक बैठाने का कार्य नहीं हुआ है,इससे पेयजल की समस्या हो रही है। ग्रामीणों ने बताया की जो चापाकल लगाये गये हैं उसमें कहीं से एयर पास हो रहा है।
जिससे काफी देर चलाने पर पानी आता है। अगर सोलर प्लेट सिस्टम से जोड़ इसे चालू कर दिया जाता तो पेयजल समस्या दूर हो जाती। कुलायबुरु, कुदलीबाद, उसरुईया, कुमडीह, बालिबा आदि गांवों में 25 केवी का नया ट्रांस्फार्मर विद्युत विभाग ने लगाया है। इसमें तीन फेज लाईन देना है। लेकिन दो फेज लाईन हीं देकर चलाया जा रहा है। इससे भी समस्या उत्पन्न हो रही है। ग्रामीण, विद्युत विभाग से सभी गांवों में लगे 25 केवी के ट्रांस्फार्मर में तीन फेज लाईन देने की मांग कर रहे हैं।
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