गुवा । गुवा सेल खदान में एमडीओ के विरुद्ध आज शुक्रवार शाम संयुक्त यूनियनों गुवा सेल के जेनरल ऑफिस समक्ष प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन आधा घंटा चलने के बाद सेल प्रबंधन ने वार्ता के लिए संयुक्त यूनियनों के साथ बैठक की। इस दौरान संयुक्त यूनियनों ने कहा कि कहा कि सेल प्रबंधन गुवा सेल खदान को एमडीओ का नाम देकर एक निजी कंपनी ठेकेदार को देना चाह रही है। परंतु यहां के सभी संयुक्त यूनियन, सेलकर्मी इसका पुरजोर विरोध करती है।
गुवा सेल खदान में निजीकरण कभी भी नहीं होने दिया जाएगा। चाहे इसके लिए क्यों ना हमें आंदोलन करना पड़े या सेल का चक्का जाम करना पड़े। सेल में निजीकरण होने से सेल में होने वाली बहाली पूरी तरह से बंद हो जाएगी। यहां के स्थानीय को रोजगार नहीं मिलेगा। और सेल प्रबंधन द्वारा ऐसा करने का हम विरोध करते हैं और किसी भी हालत में एमडीओ को गुवा नहीं आने दी जाएगी।
एमडीओ का मतलब होता है माइनिंग डेवेलपर्स ऑपरेशन। परंतु यहां के मजदूर गुवा सेल खदान में 2 मिलियन से बढ़ाकर 4.25 मिलीयन तक कर दिया है। मजदूरों में अभी भी ताकत है कि इसे 10 मिलियन टन तक कर सकता है। जब मजदूरों में इतनी क्षमता है तो बाहर से बुलाकर प्राइवेट को देने की क्या जरूरत। इस पर सेल प्रबंधन ने कहा कि आज सीजीएम के नहीं रहने के कारण आगामी 31 जुलाई को सीजीएम के साथ बैठक कर वार्ता की जाएगी।
इस पर संयुक्त यूनियन ने कहा कि अगर सेल प्रबंधन एमडीओ के विरुद्ध सकारात्मक वार्ता निकलकर नहीं आती है तो 1 अगस्त से सेल का चक्का जाम कर दिया जाएगा। इस आंदोलन में संयुक्त यूनियनों के पदाधिकारियों में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के रामा पांडे, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन इंटक के दुचा टोप्पो, सीटू के मनोज मुखर्जी, सारंडा मजदूर यूनियन के कुल बहादुर, सप्लाई मजदूर संघ के राजेश कोड़ा, झारखंड मजदूर संघ के पंचम जॉर्ज सोय सहित काफी संख्या में सेल कर्मी मौजूद थे।
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