घटनाक्रम ने मोदी सरकार के लोकतंत्र विरोधी चाल, चरित्र और चेहरा को उजागर करने का काम किया है। इस फैसले ने एक बार फिर से साबित किया है कि लोकतंत्र के महत्वपूर्ण चारों स्तंभों को जिस प्रकार मोदी सरकार अपने कब्जे में रखकर मन माफिक फैसला या निर्णय थोपना चाहती है, वह आज कहीं ना कहीं मोदी जी के चंगुल से आजाद होना चाहता है।
अब राहुल गांधी की सदस्यता बहाली के साथ ही लोकसभा के अंदर देश के गरीबों, पिछड़ों, मजदूरों, आदिवासियों, दलितों, शोषित, पीड़ित, महिलाओं, बेरोजगार नौजवानों की आवाज फिर से मुखर होकर गूंजेगी। उन्होंने कहा कि भले ही कुछ देर हुई, परंतु देश के अंदर राहुल गांधी के रूप में सशक्त सूर्य की किरणें राष्ट्रवासियों को प्रकाशमान करने का कार्य करेगी। मोदी हो या कोई और देश में तानाशाह का भविष्य देर तक सुरक्षित नहीं रहेगा। आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को देश की जनता पूरी ताकत के साथ परास्त करेगी।
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