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उमा अस्पताल में शव की एक आंख गायब, परिजनों ने किया हंगामा, One eye of dead body missing in Uma hospital, relatives created ruckus


चांडिल।
जमशेदपुर के डिमना और पारडीह के बीच स्थित उमा अस्पताल में इलाज के क्रम में मृत व्यक्ति की आंख गायब हो गई. इस कारण गुरुवार को अस्पताल में परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर मृतक की आंख निकाल लेने का आरोप लगाया है. वहीं अस्पताल प्रबंधन की ओर से आशंका जताई गई है कि मृतक की आंख को चूहे के द्वारा कुतरा गया है. मामला चाहे जो भी हो इतना तो तय है कि अस्पताल में शव की आंख गायब हो जा रही है और अस्पताल प्रबंधन को इसकी भनक तक नहीं लगती है. अस्पताल में इलाजरत मरीज या इलाज के क्रम में मरने वाले के प्रति प्रबंधन की इतनी बड़ी लापरवाही से लोगों में आक्रोश है. इस संबंध में पूर्वी सिंहभूम जिले के सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी ने कहा कि उन्हें इस मामले में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है. वे सुबह से एक मीटिंग में थे. मामले की जानकारी लेकर आवश्यकता के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही है.

सरायकेला-खरसावां जिले के कुकड़ू प्रखंड स्थित काडरगमा निवासी सहदेव महतो (30) नीमडीह थाना क्षेत्र के मुरु गांव के सामने अपनी बाइक से दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे. दुर्घटना के बाद नीमडीह थाना की पुलिस उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नीमडीह पहुंचाया. जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर भेजा गया. परिजनों ने उसे एमजीएम अस्पताल से रांची स्थित रिम्स ले गए. सही इलाज नहीं होने की बात कहते हुए परिजनों ने उसे वापस जमशेदपुर लाकर उमा अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज के क्रम में बुधवार की रात उसकी मृत्यु हो गई. अस्पताल प्रबंधन ने बुधवार की रात को ही परिजनों को उसकी शव ले जाने के लिए कहा. परिजनों ने रात को शव ले जाने में असमर्थता जताई और सुबह तक अस्पताल में ही रखने का आग्रह किया. गुरुवार की सुबह जब उसके परिजन शव लेने पहुंचे तो देखा कि उसकी दाहिनी आंख ही गायब है. इसके बाद अस्पताल में हो-हंगामा शुरू हो गया.

मृतक की आंख गायब रहने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग अस्पताल पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन पर मृतक की आंख निकालने का आरोप लगाया. हंगामे के बीच अस्पताल प्रबंधन की ओर से मृतक के परिजन और हंगामा करने वालों के साथ बात की. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन की ओर से मृतक के तीन बच्चों के नाम डेढ़-डेढ़ लाख रुपये और श्राद्ध कर्म के लिए पचास हजार रुपये देने की पेशकश की. वार्ता चल ही रही थी कि सोशल मीडिया पर मामला हाइलाइट हो गया. इसके बाद उलीडीह थाना की पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने की बात कही. पुलिस मामला दर्ज करने के साथ मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम अस्पताल भेजने की प्रक्रिया पूरी कर रही थी.

इस मामले में मृतक के परिजनों ने एसएसपी से लिखित शिकायत की है. शिकायत में अस्पताल प्रबंधन पर मरीज की आंख निकाल कर हत्या करने का आरोप लगाया गया है. मृतक सहदेव महतो के भाई शिवदेव महतो ने शिकायत में कहा है कि उनका भाई 1 अगस्त की रात में एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें रात में ही डिमना रोड स्थित उमा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अगले दिन दो अगस्त को सहदेव महतो को अस्पताल ने मृत घोषित कर दिया. इसकी सूचना परिजनों को दी गई. परिजन अस्पताल पहुंचकर जब शव को घर ले जाने लगे तो शव से खून गिरता देख उन्हें गड़बड़ी का आभास हुआ. उन्होंने जब शव को अच्छे से देखा तो शव से दाहिना आंख गायब था एवं चेहरे पर पट्टी बंधी हुई थी. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आंख निकाल कर हत्या किए जाने की आशंका जताई है एवं इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम सक्षम पदाधिकारी एवं मृतक के परिजनों की उपस्थिति में वीडियोग्राफी के साथ कराने की भी मांग की है

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