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संविधान से ऊपर नहीं है सोही, बदलाव के दो तिहाई बहुमत जरूरी : कुलविंदर, Sohi is not above the constitution, two-thirds majority is necessary for change: Kulwinder


जमशेदपुर। तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के निवर्तमान प्रधान जगजोत सिंह सोही द्वारा रविवार की बैठक में लिए गए फैसले पूरी तरह अवैध है। बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार पहली बात तो उनका कार्यकाल 14 जुलाई को खत्म हो गया है और वह कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं। दूसरा सरदार जगजोत सिंह सोही या उनके सहयोगी सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लों सरदार राजा सिंह सरदार गुरविंदर सिंह, गुरमीत सिंह संविधान से ऊपर नहीं है। वे संविधान को अच्छी तरह पढ़ लें। तीसरा संविधान साल 1956 में लागू हुआ तब 5 निर्वाचन क्षेत्र निर्धारित हुए थे और उसमें एक निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण बिहार भी है।

संविधान के अनुच्छेद 55 में साफ लिखा हुआ है कि संविधान में बदलाव दो तिहाई बहुमत के आधार पर अर्थात 7 सदस्यों के द्वारा हो सकता है। यहां जगजीत सिंह सोही के साथ चार निवर्तमान सदस्य थे। सरदार हरपाल सिंह जोहल को पूर्व प्रधान अवतार सिंह हितने कमेटी से बर्खास्त किया था और उसमें सभी सदस्यों की सहमति रही थी। ऐसे में हरपाल सिंह जोहल सदस्य के रूप में भाग ले ही नहीं सकते हैं।

अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार पटना की संगत को कार्यवाहक प्रधान जगजोत सिंह सोही बेवकूफ समझ रहे हैं। वे संविधान के अनुच्छेद 53 और 54 का हवाला दे रहे हैं। लेकिन संविधान के अनुच्छेद 55 की अनदेखी कर रहे हैं। संगत को अनुच्छेद 55 के बारे में बताना नहीं चाहते कि संविधान में बदलाव दो तिहाई बहुमत से ही हो सकता है। फिलहाल कमेटी में 9 सदस्य हैं और बदलाव के लिए छह चाहिए। यदि सोही गुट हरपाल सिंह जोहल को सदस्य मानता है तो उसे बदलाव के लिए 7 सदस्य चाहिए। तब भी उसे एक सदस्य की कमी हो जाती है।

अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार यदि किसी संवैधानिक मामले में संशोधन किया भी जाता है तो वह तभी स्वीकार्य होगा जब कस्टोडियन जिला एवं सत्र न्यायाधीश उसे स्वीकार करेंगे। यहां दो राज्यों के बीच का हाई प्रोफाइल संवैधानिक मताधिकार का मामला है और कोई भी संविधान किसी भी सदस्य का मताधिकार नहीं छीन सकती है।

कुलविंदर सिंह ने सरदार जगजोत सिंह सोही को सलाह दी है कि वे इन सब पचड़े में पड़ने की बजाय सीधे तौर पर मतदाता सूची को फाइनल करें और चुनाव का मार्ग प्रशस्त करें।

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