सेल के चेयरमैन अमरेन्दु प्रकाश ने कहा कि आज भारत विश्व में इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बन गया है। इसमें सेल की भूमिका महत्वपूर्ण है। सेल को 59350 सेलकर्मी एवं 55000 ठेका श्रमिकों व उनके परिवार का भी योगदान मिल रहा है। हम सेलकर्मियों व ठेका श्रमिकों से जुड़ी सभी मामले सुलझाना चाहते हैं। इस पर भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि हम 5 साल पीछे चल रहे हैं। प्रोडक्शन प्रोडक्टिविटी की पिछली बैठक 2018 में हुई थी, जो हर साल होनी चाहिए थी, लेकिन यह बैठक 5 साल बाद हो रही है।
इसी तरह वेज रिवीजन का मामला भी ढाई साल से लटका हुआ है। अगर आप सभी मामले को सुलझाना चाहते हैं तो डिवाइड एंड रूल पॉलिसी को आपको छोड़ना पड़ेगा। एनजेसीएस की सभी यूनियनों की सर्वसम्मति से ही निर्णय लेनी होगी। बीएमएस ने बोकारो एवं भिलाई से अन्यत्र ट्रांसफर किए गए सेलकर्मियों को पुनः उनके पूर्व कार्य स्थल में लाने की बात उठाई। आज के लक्ष्य हासिल करने में उन कर्मियों का भी समान योगदान है, जिनके ट्रांसफर की वजह से वह और उनका परिवार मानसिक कष्ट भोग रहे हैं।
बीएमएस ने कहा कि 2017 की अधूरा वेज रिवीजन में डेढ़ फीसदी पर्क की बढ़ोतरी सर्वसम्मति से होनी चाहिए। इस आधार पर 39 महीने की एरिया की जल्द सेलकर्मियों को भुगतान किया जाए। रात्रि पाली भत्ता एवं एचआरए अभी तक लंबित है। ठेका मजदूरों को अभी सिर्फ मिनिमम वेजेस देते हैं, जो कि लिविंग वेजेज देना होगा। उसमें उनके बच्चों की पढ़ाई एवं परिवार की चिकित्सा मुख्य प्रावधान करना होगा। राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को सेल में सम्मिलित करने के विषय में अपनी मांग रखी। उन्होंने कहा कि सेल प्रबंधन बोनस मामले में जल्द बैठक बुलाएं।
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