चक्रधरपुर। संतान के दीर्घायु, आरोग्यता व सुखमय जीवन के लिए माताओं ने जिउतिया का कठिन व्रत शुक्रवार को रखा। निर्जला उपवास कर माताओं ने बच्चों के सुख–समृद्धि और उन्नति के लिए मंगल कामना की। आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाने वाला जिउतिया व्रत पश्चिमी सिंहभूम जिले में परंपरागत रूप से रखा गया। इस मौके पर व्रती माताओं ने निर्जला उपवास रखकर भगवान जीमूतवाहन की विधिवत पूजा-अर्चना की एवं जीवित्पुत्रिका व्रत कथा का नियमानुसार श्रवण किया।
इसके लिए जगह-जगह व्रती माताओं की भीड़ जुटी थी। चक्रधरपुर में व्रतियों ने स्थानीय छठ नदी घाट में विधिवत स्नान कर विधिवत फल - फुल रख कर पूजा- पाठ के बाद जीमूतवाहन की कथा सुनी। ऐसी मान्यता है कि व्रत रखनेवाली माताओं के पुत्र दीर्घजीवी होते हैं और उनके जीवन में आनेवाली सारी विपत्तियां स्वत: टल जाती हैं।
सूर्य उदय के बाद कल होगा पारण : चक्रधरपुर रानी सती मंदिर के पुजारी यूएन उपाध्याय ने बताया कि व्रत का जितना महत्व है पारण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। शनिवार को सूर्य उदय का बाद पारण करना है।
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