चांडिल। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात जारी है। अलग-अलग झुंडों में और अकेले घूम रहे हाथी अनुमंडल क्षेत्र में खौफ का पर्याय बन चुके हैं। आए दिन अनुमंडल क्षेत्र के किसी न किसी गांव में जंगली हाथी दस्तक दे रहे हैं। मकान और फसलों को रौंद कर क्षति पहुंचा रहे हैं। जंगली हाथियों के साथ आमना-सामना होने पर अनुमंडल क्षेत्र के लोग अपनी जान भी कमा रहे हैं। बावजूद इसके इस विकट समस्या का स्थायी समाधान के लिए किसी भी प्रकार का ठोस पहल नहीं किया जा रहा है।
आबादी वाले क्षेत्र में जंगली हाथियों के घुसने पर ग्रामीण वन विभाग को सूचना देते हैं। वन विभाग हाथी भगाओ दस्ता भेजकर हाथियों को खरीदने का काम करती है और ग्रामीणों को पटाखा और टॉर्च देकर हाथियों से सुरक्षित रहने की अपील करती है। इसके कुछ दिनों के बाद हाथी फिर गांव में आ धमकते हैं और इस प्रकार ग्रामीण दहशत के बीच अपनी जिंदगी जीने पर विवश हो गए हैं। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कुकड़ू में मंगलवार की रात झुंड से अलग घूम रहे डेंटल हाथी ने फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। डेंटल हाथी ने कुकड़ू गांव के रहने वाले देवाशीष कुमार के मकान को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया।
आसपास के खेतों में लगी फसल को रौंद कर नुकसान पहुंचा और सरकार की ओर से की गई बागवानी से संबंधित शिलापट को तोड़ दिया है। देवाशीष कुमार के जिस मकान को हाथी ने तोड़ा उसे मकान में रात को कोई नहीं था. हालांकि हाथी के द्वारा मकान तोड़े जाने से मकान के अंदर रखे सभी सामान क्षतिग्रस्त हो गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी। वहीं वन विभाग की ओर से बताया गया कि दंतैल हाथी को बार-बार जंगल पहुंचा जा रहा है, लेकिन दूसरे ही दिन हाथी वापस लौटकर आ जा रहा है। वन विभाग जंगली हाथियों से जान माल की सुरक्षा को लेकर सजग है और हाथियों को वापस जंगल पहुंचने के लिए सक्रिय है।
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