हाता। भगवान श्रीरामकृष्ण अपनी अंतिम लीला की थी कोलकाता के काशीपुर उद्यान वाटिका में। दुनिया के पापियों का पाप ताप गले में धारण करके कैंसर से पीड़ित थे। ठीक से खा नहीं पाते थे, बोल नहीं पाते थे। उनकी मानव लीला अंतिम पड़ाव पर पहुँच गई थी। जाने के पूर्व अपना स्वरूप प्रकट कर के भक्तजनों को कृपा करना चाहते थे। इसलिए सन 1886 के पहली जनवरी अर्थात अंग्रेजी नव वर्ष के दिन करीब 3 बजे काशीपुर उद्यान वाटिका में पतित पावन श्रीरामकृष्ण अपना स्वरूप प्रकट करते हुए कल्पतरु हुए थे और सभी गृही भक्तजनों को कृपा करते हुए,, तुम सभी चैतन्यमय हो जाओ,, कहते हुए आशीर्वाद दिया था।
उस दिन रामकृष्ण के अंदर विभिन्न भक्त, भगवान का विभिन्न रूप का दर्शन भी किया था। इसके अलावे जो भक्त जो कुछ भी मांगा था प्रभु रामकृष्ण ने उसदिन प्रदान किया था। इसलिए रामकृष्ण भक्त मंडली पहला जनवरी को कल्पतरु दिवस के रूप में पालन करते हैं। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी माताजी आश्रम हाता के रामकृष्ण मंदिर में पहली जनवरी 2024 को अपराह्न 2 बजे भगवान रामकृष्ण देव जी का कल्पतरु दिवस एक सादे समारोह में मनाया जायेगा।
इस अवसर पर सामूहिक प्रार्थना, जप, कल्पतरु दिवस पर परिचर्चा, रामकृष्ण भजन, हरिनाम संकीर्तन आदि कार्यक्रम होंगे। इस पवित्र तिथि को भक्तिभाव से पालन करने के लिए सभी भक्तजनों को माताजी आश्रम की ओर से सादर निमंत्रण दिया जा रहा है।
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