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प्राचीन पारंपरिक संस्कृति हमारी अनमोल विरासत है : मधुसुदन गोराई, Ancient traditional culture is our precious heritage: Madhusudan Gorai

गौरडीह : आदिवासी लोकसंस्कृति सार्वजनिक पीठा छांका मेला में उमड़ी संस्कृति प्रेमियों की भीड़ 

चांडिल। नीमडीह प्रखंड अंतर्गत गौरडीह गांव में धन सिंह मान सिंह के पूजा के शुभ अवसर पर गौरडीह, (बनडीह) लोवाबेड़ा, सांगिड़ा, गौरडीह एवं बांटांड़ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित आदिवासी लोकसंस्कृति सार्वजनिक पीठा छांका मेला में उमड़ी संस्कृति प्रेमियों की भीड़। मेला में विविध संस्कृति का झलक आकर्षण का केंद्र रहा। भव्य टुसू व आकर्षक चौड़ल के साथ मानभूम की प्राचीन पारंपरिक संस्कृति बिजली देवी की बाई नृत्य संस्कृति प्रेमियों को मोहित किया। 


मेला में झारखंड, पश्चिम बंगाल राज्य से लगभग 50 हजार दर्शकों की जुटान हुआ। मेला में उपस्थित संस्कृति प्रेमियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि भाजपा के सरायकेला खरसावां जिला महामंत्री मधुसुदन गोराई ने कहा कि प्राचीन पारंपरिक संस्कृति हमारी अनमोल विरासत है। इसे संजोकर रखना हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है। जब तक संस्कृति है तब तक हमारी पहचान है। हम संस्कृति को भूले तो हमारी पहचान ही मिट जायेगा। 


इस अवसर पर मेला में उपस्थित टुसू एवं चौड़ल को मुख्य अतिथि मधुसूदन गोराई व अन्य अतिथियों द्वारा नगद राशि पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। प्रथम पुरस्कार कुईआनी के लक्षण सिंह, द्वितीय बनडीह के डेंजर, तृतीय बांगुरदा के बिनापनी क्लब, चतुर्थ बाड़ेदा के फतेराम, पंचम जजरा के कांत सिंह, षष्ठ बुरुडीह के चुमकी रानी एवं सप्तम पुरस्कार घुटियाडीह के विरंची महतो को दिया गया। इस अवसर पर मेला समिति के अध्यक्ष अजब सिंह, उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह, सचिव विनोद सिंह, सह सचिव भूषण सिंह, कोषाध्यक्ष मदन मोहन सिंह, सह दनार्दन सिंह, लाल मोहन गोराई आदि उपस्थित थे।

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