गुवा। सेल की किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु आवासीय क्षेत्रों में चारों तरफ बसी झुग्गी-झोपड़ियों में निवास करने वाले लोगों को पेयजल समस्या से मुक्ति दिलाने हेतु पीएचईडी विभाग के कनिय अभियंता राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में अन्य अधिकारियों तथा मुखिया पार्वती किडो़ द्वारा सर्वे किया गया। उल्लेखनीय है कि किरीबुरु-मेघाहातुबुरु शहर में अवैध तरीके से बसाई गई झुग्गी-झोपडि़यों में लगभग एक हजार से अधिक गरीब परिवार निवास करते हैं। इन परिवारों के सामने प्रारम्भ से हीं पेयजल का घोर संकट रही है।
सेल प्रबंधन प्रायः क्षेत्रों में पानी का नल प्वाइंट पेयजल हेतु दी है। इस नल में प्रतिदिन एक बार पानी की आपूर्ति होती है। लेकिन यह पानी नल से तमाम लोगों की जरुरते पूरी नहीं हो पाती है। कुछ क्षेत्रों में तो काफी कम मात्रा में पानी पहुंच पाता है। गर्मी के मौसम में स्थिति और विकट हो जाती है। जिला परिषद सदस्य देवकी कुमारी ने बताया की तत्कालीन उपायुक्त अनन्य मित्तल के समय एक बार सर्वे कार्य कराया गया था, जिसमें हम भी शामिल थे। तब कारो नदी से पाईप लाईन द्वारा पानी लाने पर विचार हुआ था। उनके स्थानान्तरण के बाद अब नये उपायुक्त कुलदीप चौधरी से इस समस्या का समाधान की उम्मीद है।
इस समस्या का समाधान हेतु हम सभी जिला प्रशासन व पीएचईडी विभाग से मिलकर निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि सेल की खदानें डीएमएफटी फंड में अरबो रुपये प्रतिवर्ष देती है लेकिन वहाँ के लोगों के घरों में पानी नहीं होना अत्यंत दुःखद व मानवता को शर्मसार करने वाली बात है। किरीबुरु पश्चिम पंचायत की मुखिया पार्वती किडो़ ने कहा कि आज हमने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों को किरीबुरु-मेघाहातुबुरु की तमाम बस्तियों का भ्रमण करा वहाँ के लोगों को पानी से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि किरीबुरू पश्चिमी पंचायत के बिरसा टोली में 180, मुर्गापाड़ा में 201, आरसी सिंह हाटिंग में 60, चर्च हाटिंग में 99, बैंक मोड़ हाटिंग में 70, मालंग टोली में 07, मेन मार्केट में 114, किरीबुरू पूर्वी पंचायत अन्तर्गत गाड़ा हाटिंग में 52, पीडब्ल्यूडी हाटिंग में 45, प्रोस्पेक्टिंग हाटिंग में 53, मेघाहातुबुरु उत्तरी पंचायत के रेलवे हाटिंग में 101, मेघाहातुबुरु दक्षिणी पंचायत के टीओपी हाटिंग में 148, बकल हाटिंग में 55 परिवार समेत अन्य क्षेत्रों में भी दर्जनों परिवार रहते हैं। सभी के सामने पेयजल की विकट समस्या है। इस समस्या का यथाशीघ्र समाधान जिला प्रशासन करे।
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