चक्रधरपुर। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने झारखण्ड मुक्ति मोर्चा पर करार हमला बोला है। मधु कोड़ा ने कहा है की आने वाले चुनावों में झामुमो जनता झामुमो को सबक सिखाने वाली है और झारखण्ड से झामुमो का पत्ता साफ़ होने वाला है। दरअसल मधु कोड़ा चाईबासा में सीएम के सरकारी कार्यक्रम के मंच से कोड़ा दंपत्ति पर लगाये गए उस आरोप पर बोल रहे थे जिसपर खरसावां के झामुमो विधायक ने कहा था की कोड़ा दंपत्ति ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय निति का हमेशा विरोध किया है।
मधु कोड़ा ने इस आरोप के पलटवार में कहा की जिस मंच से विधायक सीएम कोड़ा दंपत्ति को कोस रहे थे वह मंच सरकारी कार्यक्रम का था, लेकिन दुर्भाग्य है की सीएम और सत्ताधारी विधायकों को सरकारी और चुनावी राजनितिक मंच का अंतर का ज्ञान नहीं है। इसलिए सरकारी मंच से चुनावी बयानबाजी चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान से किया गया। मधु कोड़ा ने कहा की झामुमो को कोड़ा दंपत्ति का फोबिया हो गया है। इन्हें उठते जागते सोते सिर्फ और सिर्फ कोड़ा दंपत्ति ही नजर आते हैं।
मधु कोड़ा ने कहा की उन्होंने और उनकी पत्नी सांसद गीता कोड़ा ने कभी भी 1932 का विरोध नहीं किया और ना ही ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण का विरोध किया.. यह झूठ झामुमो और इंडी गठबंधन फैला रहा है। दोनों ही चीजें राज्य सरकार के हाथ में है, सरकार खुद इसे करना नहीं चाहती सिर्फ दोष जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए केद्र सरकार और कोड़ा दंपत्ति पर लगाना चाहती है. मधु कोड़ा यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा की ताज़ा मामला ही देख लीजिये।
झारखंड में फिर से झामुमो की सरकार में जेपीएससी पेपर लीक होने का मामला सामने आ गया है। गरीब युवा माड़ भात खाकर, गरीब अपना पेट काटकर, कोई अपनी जमीन बेचकर किसी तरह इस परीक्षा की तैयारी करता है। झामुमो की सरकार में लगातार पेपर लीक होने का मामला सामने आ रहा है। झामुमो कभी नहीं चाहती की युवाओं को नौकरी मिले। गरीब आदिवासी युवा आगे बढ़ें। ऐसी सोच रखने वाले झामुमो को इस बार जनता सबक सिखाएगी। इस बार के चुनाव में झामुमो का पुरे झारखण्ड से पत्ता साफ़ हो जायेगा।
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