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मां भगवती केरा एवं मां पाउंड़ी मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़, Crowd of devotees gathered in Maa Bhagwati Kera and Maa Poundi temple,


जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की लगी लंबी कतार, मुराद पूरी होने पर मां को चढ़ाया प्रसाद

चक्रधरपुर। चैत्र पर्व पर मां भगवती केरा मंदिर और मां पाउंड़ी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मां केरा का पूरे विधि विधान से शनिवार को मेलू पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह चार बजे से ही मां केरा की दरबार खुलते ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद पूजा-अर्चना शुरू हो गई। जैसे-जैसे और की किरण जमीन पर पड़ती रही वैसे वैसे भक्तों की भीड़ मंदिर में उमड़ती गया। श्रद्धालुओं की जल चढ़ाने के लिए  भक्तों की लंबी कतार लगी रही। जो दोपहर तक थमने का नाम नहीं ले रहा था। भक्तों ने मंदिर पहुंचकर माता भगवती का दर्शन किया एवं जलाभिषेक कर अपनी मन्नतें मांगी. वहीं कुछ भक्तों ने मुराद पूरी होने पर माता को प्रसाद चढ़ाया।





मंदिर परिसर में लगा मेला : प्रत्येक वर्ष की तरह केरा मेला में मंदिर परिसर में भव्य मेला का आयोजन किया गया है। केरा मेला में  प्रसाद समेत कई खानपान वस्तुओं की दुकानें एवं खिलौने की दुकानें लगायी गयी हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मां भगवती मंदिर प्रबंध समिति एवं केरा मेला संचालन समिति द्वारा बैरिकेडिंग कर श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान रखा गया था। केरा मेला परिसर में पेयजल, खिचड़ी,अन्य सामान वितरण किया जा रहा था। मेला में  पुलिस प्रशासन सहित दंडाधिकारी तैनात थे।


मां पाउड़ी के चरणों में जल चढ़ाकर श्रद्धालुओं ने किया पूजा-अर्चना : मां पाउड़ी मंदिर में शनिवार को पूरे विधि विधान से मेलू पूजा अर्चना किया गया। इस अवसर पर शनिवार सुबह से श्रद्धालु स्नान कर मां के चरणों में जल चढ़ाने के लिए कतार में खड़े रहे। जैसे ही जल चढ़ाने की बारी पहुंची। वैसे ही श्रद्धालु भक्तों ने मां के चरणों में जल चढ़ाकर परिवार की सुख-शांति व समृद्धि की कामना की। मंदिर के पुजारी चेमटा नायक ने बताया कि प्रत्येक वर्ष के तरह इस वर्ष भी 13 अप्रैल को मंदिर में मेलू पूजा की जाती है। इस पूजा में मां के सैकड़ों भक्त दूरदराज से ग्रामीण पूजा अर्चना में पहुंचते हैं। नदी में स्नान कर मां के चरणों में जल चढ़ाते हैं, जबकि दूसरे दिन 14 अप्रैल को दहकते अंगारों व कांटों पर लेटकर भक्त अपने वर्षो पुराना अपनी भक्ति जाहिर करते  हैं। 14 अप्रैल को मंदिर परिसर में मेला का भी आयोजन किया गया हैं।



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