किस दल में शामिल हो सलाह देने की जरूरत नहीं
जमशेदपुर। राष्ट्रीय सनातनी सिख सभा अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने सिखों की धार्मिक सांसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अधिवक्ता हरजिंदर सिंह धामी को पंजाब हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर के ऐतिहासिक गुरुद्वारों की संभाल प्रबंधन ठीक से करने की सलाह दी है। कुलविंदर सिंह के अनुसार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा संजीदगी से गुरुद्वारों के देखरेख के साथ स्वास्थ्य तकनीकी शिक्षा धार्मिक शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि आधुनिक तकनीकी शिक्षा समय की मांग है।
शिक्षा के बल पर ही भारत के प्रशासनिक सेवा के साथ ही विभिन्न आर्थिक क्षेत्र में अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से सिख निभा सकते हैं। अधिवक्ता हरजिंदर सिंह धामी को यह कहने का कोई हक नहीं है कि किसी गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान को किसी राजनीतिक दल में शामिल होना चाहिए और नहीं।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी खुद देखें कि वह शिरोमणि अकाली दल का टूल बने हुए हैं। आज अकाली दल का बीजेपी के साथ समझौता नहीं है तो वह बीजेपी में सिख नेताओं के शामिल होने का विरोध कर रहे हैं। कल यदि अकाली दल और बीजेपी का समझौता हो जाएगा तब उन्हें भाजपा अच्छी लगेगी।
क्या प्रधान अधिवक्ता एचएस धामी नहीं जानते कि अकाली दल के शासन काल मैं पंजाब का क्या बुरा हाल हुआ और नौजवान पीढ़ी भटक गई। अकाली दल के शासनकाल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी होती रही और शांतिप्रिय आंदोलनकारी सिख धार्मिक नेताओं पर गोलियां चली। सरदार धामी और अकाली दल राष्ट्रहित में अच्छी नीतियां लेकर सामने आए तो इस लोकतांत्रिक देश में युवा पीढ़ी अकाली दल में शामिल होगी। केवल सिखों को कांग्रेस एवं भाजपा के नाम से भड़काने से न सिख का हित सधेगा और ना ही देश का फायदा होगा।
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