सरायकेला। सरायकेला जिला के तिरुलडीह थाना क्षेत्र व ईचागढ़ थाना क्षेत्र में स्वर्णरेखा नदी से खुलेआम बालू की चोरी हो रही है। तिरुलडीह थाना क्षेत्र के साल घाट, सपादा, चानो कार्कीडीह में बड़े-बडे अवैध बालू को डंप कर बालू का अवैध कारोबार किया जा रहा है। ज्ञात हो कि पूर्व में तिरुलडीह स्वर्णरेखा नदी किनारे साल घाट में सैकड़ों सीएफटी बालू जब्त किया गया था जो बालू माफियाओं के लिए बरदान साबित हो रहा है। इन्हीं डंपों में रोजाना सैकड़ों हाइवा बालू डंप किया जाता है एवम पूरी रात भर हाइवा में लोड कर पश्चिम बंगाल भेजा जाता है।
बालू का सारा खेल तिरुलडीह थाना से महज एक दो किमी दूरी पर होता है, परंतु तिरुलडीह पुलिस के कान में जू तक नही रेंगता है इतना ही नहीं सारा हाइवा बालू लाद कर कुकडु प्रखंड सह अंचल कार्यालय के आगे से ही गुजरता है । बालू माफियाओं की माने तो उनका सेटिंग ऊपर से नीचे तक है। इतना ही नहीं ईचागढ़ व कुकडु अंचल के अंचल अधिकारी एक ही है और ईचागढ़ थाना क्षेत्र में रोजाना खुलेआम ट्रैक्टर से बालू की ढुलाई होती है एवम रात शाम ढलते ही अवैध बालू का परिवहन हाइवा से किया जाता है।
ये अवैध बालू लदे हाइवे जरगोडीह, खीरी आदि घाटों से बालू मिलनचौक होते हुए टिकर-रंगामाटी से हाई वे पकड़कर टाटा, सरायकेला की ओर जाता है। ताज्जुब की बात तो यह है कि दोनों थाना क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर बालू का अवैध कारोबार, भंडारण व परिवहन की खबर अधिकारी को नहीं है या जान मुझ कर अनदेखा कर रहे हैं।जो जांच का विषय है। स्थानीय आम जनता बालू के लिए अपना घर बना नहीं पा रहा है, जबकि बालू माफिया बेधड़क बालू का अवैध कारोबार कर रहे हैं।
आखिर इसका क्या राज हैं इसके पीछे कौन से शक्ति कार्य कर रही है ये तो भगवान ही जाने। इस सम्बंध में सरायकेला जिला खनन पदाधिकारी से फ़ोन के माध्यम से जानकारी लेने पर उन्होंने कहा कि अवैध बालू कारोबार पर करवाई के लिए टास्क फोर्स गठित किया गया है। बहुत जल्द एक्शन देखने को मिलेगा। उन्होंने आगे बताया कि कई बार तिरुलडीह में छापेमारी करने की कोशिश की गई, लेकिन खाली हाथ लगी। अबकी बार जोरदार तरीके से कारवाई कर अवैध बालू उठाव, भंडारण व कारोबार पर सख्त करवाई की जाएगी।
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