चाईबासा। “हो” भाषा की संवैधानिक मान्यता हेतु माँगों के समर्थन में आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा एवं नेशनल रिवाईवल एसोशिएसन की टीम ने सदर प्रखंड के बारांडेया गाँव में बैठक की। टीम ने लोगों को दोलाबु दिल्ली कार्यक्रम के तहत आगामी मानसून – सत्र या अगस्त में भाषा की मान्यता हेतु दिल्ली चलने के संबंध में जानकारी दिया।
बताया गया कि “हो” भाषा को जब तक भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल न किया जाए तब तक हर साल आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा और अन्य संगठनों के नेतृत्व में जंतर-मंतर नई दिल्ली में धरना-प्रदर्शन दिया जाएगा। जिसके लिए सामाजिक, आर्थिक और सांगठनिक रूप से ग्रामीणों से सहयोग मांगा गया। आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने ग्रामीणों को सामाजिक एवं भाषा के आंदोलन में प्रोत्साहित करते हुए बताया कि “हो” भाषा की लड़ाई एक राष्ट्रीय मुद्दा है।
इस आंदोलन में असम, बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से “हो” समाज के साथियों तथा भाषा प्रेमियों शामिल हैं। गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की तैयारी पाँच-छह पूर्व से तैयारी करना पड़ता है। जिसका घोषणा उपरूम-जुमूर कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी हो समाज युवा महासभा द्वारा किया जा चुका है। जिसके सहयोग हेतु आप सभी को अग्रिम सूचना दिया जा रहा है। इस बाबत ग्रामीणों ने भाषा आंदोलन में साथ देने के लिए सहमति जतायी।
इस अवसर पर नेशनल आदिवासी रिवाईवल एसोशिएसन के प्रतिनिधि ओएबन हेम्ब्रम,ब्रज किशोर देवगम, अर्जुन हेम्ब्रम, ग्रामीण हरिश चंद्र देवगम, विजय देवगम, दांसर देवगम, दशरथ देवगम, अर्जुन देवगम, मसीह देवगम, सिदुऊ देवगम, गंगाराम देवगम, अशोक देवगम आदि लोग मौजूद थे।
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