चक्रधरपुर। रेल नगरी चक्रधरपुर के लोको कालोनी में पांच दिवसीय शीतला माता पूजा पूरे विधि-विधान से शुरू हो गयी है। इसी क्रम में शुक्रवार को माता शीतला पूजा की घट यात्रा निकाली गयी। यह घट यात्रा रेलवे के पंचमोड़ स्थित बालाजी मंदिर के समीप तालाब के सामने से निकली। इससे पहले पुजारी पार्थ सारधी ने हल्दी से माता शीतला की प्रतिमा का निर्माण किया। इसके बाद पूरे विधि-विधान से मंत्र उच्चारण के बीच माता शीतला की आराधना कर पूजा अर्चना की गयी।
इसके बाद भक्तों ने मां शीतला को सिर पर लेकर रेलवे क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का भ्रमण किया। इस दौरान यात्रा आरइ कॉलोनी, केंद्रीय विद्यालय, इस्ट कॉलोनी, रेलवे स्टेशन, डीआरएम कार्यालय होते हुए लोको कॉलोनी शीतला मंदिर पहुंचा। इस दौरान माता की प्रतिमा से बची हल्दी को भक्त एक-दूसरे को लगाते है और उसे पूरे रास्ते बांटते भी है।
डफली की धुन पर थिरके श्रद्धालु : माता का घट यात्रा के दौरान डफली की धुन पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। इस दौरान जगह-जगह पर लोगों ने माता की पूजा-अर्चना की। घट यात्रा ले जा रहे युवकों के पांव को महिलाओं ने नीम पत्ता एवं हल्दी से पैर धोया। इस दौरान हर उम्र के महिला-पुरुष ने जमीन पर लेट कर माता की प्रतिमा को अपने उपर से पार कराया. इसको भक्त प्रभु का आशीर्वाद मानते हैं।
आजादी से पूर्व से पांच दिनों तक माता के पांच रूपों की होती पूजा : रेलवे लोको कॉलोनी में पांच दिवसीय माता पूजा समारोह देश के आजादी से पूर्व से होते आ रही है। माता शीतला का पांचों दिन में पांच अलग-अलग रूप दिया जाता है। इसके लिए खड़गपुर से पुजारी पार्थ सारधी रोजना माता को नया रूप देकर श्रद्धालु के लिए दर्शन करायेंगे। इस कारण से रोजाना माता के दरबार में भीड़ उमड़ती है।
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