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तख्त श्री हरमंदिर जी के संरक्षक जिला न्यायाधीश के दर पहुंचे कुलविंदर, Kulwinder reached the court of the District Judge, the guardian of Takht Shri Harmandir Ji.


झारखंड के सिख सभाओं के अधिकारों का संरक्षण हो 

जमशेदपुर। गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी में झारखंड राज्य के सिख सभाओं एवं संस्थाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान कुलविंदर सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश के दर पहुंचे। लिखित तौर पर दूसरी बार आवेदन देकर प्रबंधन कमेटी के चुनाव 2024 में अधिकारों के संरक्षण की गुहार लगाई है।



 

जिला एवं सत्र न्यायाधीश तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के संविधान 1955 के अनुसार प्रबंधन कमेटी के संरक्षक हैं और किसी प्रकार का संवैधानिक या कार्यपालक बदलाव के लिए उनकी पूर्वानुमति एवं सहमति जरूरी है। प्रधान कुलविंदर सिंह ने उन्हें बताया है कि वर्तमान कमेटी का कार्यकाल जुलाई 2023 में ही खत्म हो चुका है और कमेटी के कुछ पदाधिकारी एवं सदस्य झारखंड के सिखों के संवैधानिक कानूनी मताधिकार को छीन लेने की साजिश रच रहे हैं। उनमें से कुछ ने पटना उच्च न्यायालय की शरण भी ले रखी है और ऐसे में संरक्षक की जिम्मेदारी जवाब देही और भी बढ़ जाती है। 


साल 2000 में झारखंड बिहार से अलग हुआ है और उसके बाद तीन बार कार्यकारिणी का चुनाव हुआ है। उसमें झारखंड के तकरीबन 110 से ज्यादा गुरुद्वारों की सिंह सभाओं एवं संस्थाओं की भागीदारी मिलती रही है और अब इस तरह के बेबुनियादी सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं। वही कुलविंदर सिंह ने बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 84 और 85 का उल्लेख किया है कि जब तक झारखंड अथवा बिहार विधान मंडल अथवा उचित फोरम द्वारा किसी विषय पर कोई निर्णय नहीं होता है तब तक पूर्व की स्थिति हर हाल में बरकरार रहेगी। कुलविंदर सिंह के अनुसार झारखंड के सिंह सभाओं को सम्मिलित रूप से पटना उच्च न्यायालय की शरण लेनी चाहिए जिससे यहां की संस्थाओं के अधिकार अक्षुण्य बने रहे।



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