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एम आर पी के निर्धारण में स्पष्टता और पारदर्शिता होनी चाहिए, There should be clarity and transparency in determining MRP.



"एम आर पी के विषय पर विचार गोष्ठी" 

जमशेदपुर। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के पूर्वी सिंहभूम महिला आयाम के अंतर्गत आज कदमा अनिल सूर पथ में अधिकतम खुदरा मूल्य यानी एमआरपी को लेकर विचार - विमर्श का कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद और माँ भारती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलित कर किया गया। डॉ कल्याणी कबीर के द्वारा संगठन मंत्र पढ़ा गया।




पूर्वी सिंहभूम महिला आयाम प्रमुख सरिता सिंह ने स्वागत वक्तव्य दिया और साथ ही उन्होंने उपस्थित सभी अतिथियों से परिचय कराया , विषय की जानकारी दी। कार्यक्रम में विषय प्रवेश करते हुए डॉक्टर अनीता ने कहा कि एमआरपी का विषय एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। यदि हम इस पर ध्यान ना दें तो दुकानदार हमारी अज्ञानता का फायदा उठाकर हमसे किसी भी वस्तु के वास्तविक मूल्य से काफी अधिक मूल्य पर हमें बेचता है। ग्राहकों को इस बात का पता नहीं चल पाता है।


एंजिल उपाध्याय जी ने विस्तार से अधिकतम खुदरा मूल्य की बात कही। यह कैसे तय होता है,  इसके लिए जागरूकता क्यों आवश्यक है, कैसे उत्पाद पर MRP नहीं रहने की स्थिति में केस भी दर्ज किया जा सकता है, इन बिंदुओं पर विस्तार से बताया। दुकानदार पुरानी वस्तुओं को भी नए मूल्य पर ही बेच देता है। यह अपराध है, पर इसके लिए कोई कानून नहीं है।


डॉक्टर रजनी रंजन ने यह बताया कि किस तरह से अमूमन दुकानदार अपने सामान पर एमआरपी निर्धारित करते हैं। साहित्यकार आरती श्रीवास्तव विपुला ने कहा कि आज हर घर में महिलाएं ही बाजार करने की जिम्मेदारी उठाती है ऐसे में उन्हें इन सारी बातों की जानकारी होनी आवश्यक है, ताकि उनके पैसे की बर्बादी ना हो।  रचनाकार उपासना सिंहा ने सरल सहज शब्दों में  लागत मूल्य और मैक्सिमम रिटेल प्राइस के बीच का अंतर बताया। 




एम आर पी कैसे तय करें इस नाते कोई विशेष नीति देश में नहीं होने के कारण मुनाफाखोरी सौ, दो सौ, या हजार प्रतिशत भी हो सकता। जिसका सीधा दबाव ग्राहकों पर ही आता है। इस कार्यक्रम में महिला आयाम पूर्वी सिंहभूम के द्वारा घरेलू सहायिका आरती को सम्मानित किया गया, क्योंकि उन्होंने एक कन्या नवजात बालिका की हत्या को रोकने का सफल प्रयास किया था और आज भी वह उस बच्ची के पालन पोषण में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। 


कार्यक्रम का संचालन किया झारखंड प्रांत महिला आयाम प्रमुख रूबी लाल ने और आरती श्रीवास्तव बिपुला के द्वारा उचित किए गए संगठन शांति मंत्र के साथ बैठक का समापन हुआ। बैठक में आरती, रीना परितोष, मीरा गुप्ता, नीतू सिंह, सविता सिंह, कुसुम सिंह इत्यादि महिला सदस्य भी उपस्थित थी।



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