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हथियार बरामदगी के आधार पर दोषी करार नहीं दिया जा सकता, अन्य साक्ष्य की भी जरुरत : झारखंड HC, A person cannot be convicted on the basis of weapon recovery, other evidence is also needed: Jharkhand HC.

 


Ranchi. झारखंड हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि सिर्फ हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के आधार पर किसी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता, दोष सिद्ध करने के लिए अन्य साक्ष्यों की भी जरुरत है. अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि अगर हत्या का हथियार बरामद भी हो जाये और उस पर खून के धब्बे भी हों, तो भी इससे आरोपी का अपराध साबित नहीं होता. यह अकेली परिस्थिति किसी भी तरह से अपीलकर्ता को दोषी ठहराने का आधार नहीं बन सकती. हथियार बरामदगी को छोड़कर अन्य परिस्थितियों पर भी गौर किया जाना चाहिए और अपीलकर्ता को दोषी ठहराने के लिए कुछ कड़ी होनी चाहिए. 


सिमडेगा कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में दी थी चुनौती - दरअसल सिमडेगा सिविल कोर्ट ने संजय कुजूर को पिछले वर्ष हत्या के जुर्म में दोषी करार दिया था. इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. मृतक मुकेश कुजूर की पत्नी द्वारा दर्ज करवायी गयी एफआईआर के मुताबिक, जब वह खेत पर काम करने गयी थी, तभी उसकी भाभी ने बताया कि उसके पति पर उसके भाई ने कुल्हाड़ी से हमला कर दिया है. 


हमले के बाद उसका पति बेहोशी की हालत में आंगन में पड़ा मिला. वह तुरंत घर पहुंची और घायल पति को अस्पताल ले गयी. शुरुआत में, भारतीय दंड संहिता की धारा 326/307 (हत्या का प्रयास) के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी थी. बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) को जोड़ा गया.



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