जमशेदपुर। श्री राजस्थानी ब्राह्मण संघ द्वारा सत्र 2024-27 के लिए किए जा रहे कार्यसमिति के चुनाव का रामजी शर्मा, पिता स्वः रामनारायण शर्मा ने विरोध किया है। उन्होंने इस चुनाव के विरोध में कोर्ट जाने की भी बात कही है। श्री शर्मा ने बताया कि वे भी इस चुनाव के लिए कार्यकारिणी समिति सदस्य के पद पर अपना आवेदन जमा किए थे, लेकिन उनका नामांकन बिना कोइ कारण बताए खारिज कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि चुनाव में मैंने अपना नामांकन पत्र कार्यकारिणी समिति सदस्य पद के लिए मेरे प्रतिनिधि मेरा भतीजा चंदन शर्मा के द्वारा 24 जून 24 को दाखिल किया गया था, परंतु 26 जून 24 को प्रकाशित किए गए प्रत्याशियों की सूची में मेरा नाम दर्ज नहीं हुआ और जब मुख्य चुनाव पदाधिकारी से मैं टेलिफोनिक संपर्क कर जानकारी प्राप्त किया तो उन्होंने बताया कि मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया है। नाम खारिज करने के संबंध उनसे पूछने पर चुनाव अधिकारी कोइ भी जानकारी नही दिया। रामजी शर्मा ने कहा कि प्रकाशित सूची में मेरा नाम नही देख कर मुझे काफी आश्चर्य हुआ, क्योंकि मैं चुनाव प्रक्रिया के नियम के तहत कंडिका 3 में वर्णित नियम के अनुसार मैंने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था और इसकी जानकारी मुख्य चुनाव पदाधिकारी महावीर चौबे, रामोतार पुरोहित एवं महेश शर्मा जी को टेलिफोनिक द्वारा दे दिया था, लेकिन फिर भी मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया।
इसके पश्चात तत्काल टेलिफोनिक संपर्क द्वारा महावीर चौबे से इसका कारण पूछा तो वो कारण बताने में अपनी असमर्थता जताई और शिकायत हेतू लिखित आवेदन पत्र समर्पित करने का आदेश दिया। तत्पश्चात श्री शर्मा ने लिखित आवेदन पत्र कार्यालय के मैनेजर पिन्टु को जमा किया, लेकिन मैनेजर द्वारा शिकायत पत्र का रिसीविंग भी उन्हें नही दिया गया। पिंटू जी ने कहा कल आपको जैसा आदेश प्राप्त होगा, बता दिया जाएगा।
30 जून को चुनाव के लिए वोटिंग भी शुरू कर दिया गया है, जिससे वे अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं कि चुनाव कार्यालय में चुनाव पदाधिकारी चुनाव से संबंधित जानकारी प्रचार-प्रसार से संबंधित समस्या का निराकरण करने में विलम्ब क्यों करते है और हर बार सिर्फ आश्वासन ही क्यों दिया जाता है ? मुझे नियम के तहत लिखित जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए कि किस नियम के तहत मेरा नामांकन रद्द किया गया। यही लोकतंत्र एवं समाज की पारदर्शिता है, लेकिन मुझे प्रतीत हो रहा है कि चुनाव पदाधिकारी महोदय की भूमिका निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करने हेतु विफल हो रहे हैं।
जिससे समाज में आम सदस्यों के मध्य उनकी भूमिका को लेकर संदेह उत्पन्न हो रहा है। श्री शर्मा ने यह भी कहा कि मेरे ही अथक प्रयास से यह चुनावी प्रक्रिया को शुरू की गई थी , लेकिन इस चुनाव में उन्हें ही वंचित कर दिया गया है। श्री शर्मा ने इस चुनाव को पूरी तरह अवैध चुनाव घोषित कर दिए हैं और इसके विरोध में उन्होंने कोर्ट भी जाने की बात कही है।
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