चक्रधरपुर। विभिन्न सामाजिक संगठन द्वारा को कोल्हान बंद का आह्वान को में आदिवासी "हो" समाज युवा महासभा,राष्ट्रीय कमेटी टीम की ओर से नैतिक समर्थन दिया जाएगा। पिछले कुछ दिनों से सरायकेला-खरसाँवां जिला के तितिरबिला गाँव की घटना के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से काफी आलोचनाएँ चल रही थी। आम जनता और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई थी। सड़क निर्माण कार्य में भूमि अधिग्रहण का मामला सामने आया है और अधिग्रहण के नाम पर प्राकृतिक आस्था स्थल देशाऊली तथा ससनदिरी को भी उखाड़ फेंके जाने का खबर फैला हुआ है।
जिसके आलोक में आदिवासी "हो" समाज महासभा और आदिवासी "हो" समाज युवा महासभा के पास न रैयत परिवार और न ही उस गाँव के ग्रामीणों ने न मौखिक और न ही लिखित शिकायत कर सहयोग माँगा है। इसके अलावे उस मामले को नेतृत्व करने वाले संगठन के तरफ से भी आदिवासी "हो" समाज महासभा के साथ कोई पत्राचार और बातचीत भी नही किया गया था। जहाँ तक सरकारी योजना का मामला होगा, उस योजना के लिए ग्रामसभा,विद्यायक-सांसद का अनुशंसा,कैबिनेट की स्वीकृति,फंड की उपलब्धता,योजना का निर्माण कार्य का सरकार और जिला प्रशासन का संरक्षण एवं क्षेत्र के विद्यायक,सांसद और पूर्व सीएम की चुप्पी समझ से परे है।
आदिवासी "हो" समाज युवा महासभा की ओर से आम जनों से अपील है कि ऐसे परिस्थिति में आदिवासी "हो" समाज महासभा और आदिवासी "हो" समाज युवा महासभा पर कड़ी आलोचना करना उचित नहीं होगा। बिना किसी मामले को समझे और ग्रामीणों की भावना को बिना समझे सरकारी कार्यों में हस्तक्षेत करना तथा जहाँ सार्वजनिक प्रयोजनार्थ से कोई सरकारी प्रोजेक्ट चाहे केन्द्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा लोकसभा, विधानसभा और कैबिनेट फैसलों को अधिसूचित क्षेत्र, सीएन्टी जमीन, पाँचवीं अनुसूची, मानकी-मुण्डा व्यवस्था तथा पारंपरिक ग्रामसभा को बिना अध्ययन और बिना सोचे-समझे उलझना अनुचित है।
फिलहाल जहाँ ससनदिरी और देशाऊली को कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा उखाड़ फेंककर छेड़छाड़ किया गया है। उसके विरोध में हो रहे कोल्हान बंद के आंदोलन को आदिवासी "हो" समाज युवा महासभा की ओर से समर्थन करने का सहमति बनी है।
No comments:
Post a Comment