चक्रधरपुर। चाईबासा में प्रतिदिन सोशल मीडिया के माध्यम से उरांव समाज रक्तदान समूह की चर्चा होती है, क्योंकि प्रतिदिन उरांव समाज रक्तदान समूह, चाईबासा के सक्रिय कार्यकर्ता मरीज के रक्त की कमी को दूर करने के लिए तत्पर रहते हैं। यह समूह प्रतिदिन 24 घंटा तत्पर रहती है, और प्रतिदिन कम से कम दो यूनिट रक्त की व्यवस्था कर ही देती है। आज रक्तदान समूह के एक ऐसे रक्तदाता की चर्चा हम लोग कर रहे हैं, जो उरांव समाज रक्तदान समूह के स्थापना कल से लगातार हर तीन माह के अंतराल में अपना रक्त का दान कर मरीज को रक्त की कमी से दूर करने हेतु प्रयासरत रहते हैं।
आप हैं शहर चाईबासा के मोचीसाईं निवासी किशन बरहा जो लगातार अपना रक्त का दान करते हुए आज उन्होंने 28वॉ बार रक्त का दान किया। एक सवाल का जवाब में उन्होंने बताया कि हम मनुष्य का फर्ज बनता है कि हम रक्त का दान करें, क्योंकि आप और हम अच्छी तरह जानते हैं कि रक्त का कोई विकल्प है ही नहीं, बाजार में यह रक्त बिकता नहीं है, हम मनुष्य ही दूसरे मनुष्य की रक्त कमी को दूर कर सकते हैं, और यह एक सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने में सबसे बड़ा ईश्वर का दिया गया अमूल्य रक्त है।
रक्त का दान करने से हमारा शरीर तो स्वस्थ रहता ही रहता है, अपितु सामने वाले मरीज को भी जीवन दान मिलता है, और सबसे बड़ी बात है कि रक्त किसी मजहब किसी धर्म का नहीं, बल्कि एक इंसान का रक्त होता है जो दूसरे इंसान को मिलता है। आज 28वां रक्त दान करने पर समूह के मुख्य संचालक ब्लडमेन लालू कुजूर व राजकमल लकड़ा ने रक्तदाता किशन बरहा को पुष्पगुच्छ देकर उनका अभिनंदन किया।
No comments:
Post a Comment