जमशेदपुर। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर शास्त्रीनगर प्रांगण में शिशुओं के सर्वांगीण विकास को लेकर बच्चों के अभिभावक सह माताओं संग एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ विद्यालय प्रबन्ध कार्यकारणी समिति के अध्यक्ष श्याम किशोर सिन्हा सह प्रधानाचार्य सत्येंद्र कुमार राम अभिभावक मुकेश द्वारा संयुक्त रूप में दीप जलाकर किया गया।
बैठक के उदेश्य को रखते हुए प्रधानाचार्य सत्येंद्र कुमार ने कहा कि बच्चों का प्रथम पाठशाला घर एवं प्रथम गुरु माता पिता ही होता है। इस दृष्टि से बच्चों की प्रारम्भिक शिक्षा घर से ही प्रारम्भ होना चाहिए। प्रथम अवस्था में शिशु गीली मिट्ठी के समान होता है जैसा रूप देना चाहिए अभिभावक दे सकते है। प्रारम्भिक अवस्था में बच्चों का मष्तिष्क कोरे कागज के समान होता है जिस पर आपसबों के सहयोग से अच्छाई भरने की आवश्यकता है।
बच्चों में अनुकरण करने की क्षमता सबसे अधिक होती है इसके लिये माता -पिता को अपने व्यवहार द्वारा बच्चों को नैतिक शिक्षा दिया जा सकता है। साथ में उन्होंने कहा कि शिशुओं के सर्वांगीण विकास में विद्यालय परिवार एवं अभिभावकों के सहयोग से ही संभव हो सकता है। इसे सार्थक रूप प्रदान करने को लेकर ही अभिभावक सम्मेलन का आयोजन किया गया है।अंत में विद्यालय के प्रबंध कार्यकारणी समिति के अध्यक्ष श्याम किशोर सिन्हा ने अपने सम्बोधन में कहा कि सबसे पहले अपने पुत्र के निर्माण करें धन के पीछे ना भागें।
घर से ही बच्चों को अपने आचरण एवं व्यवहार से नैतिक शिक्षा दें। अभिभावक को अपने शिशुओं के अध्ययन में सहयोग करने को कहा जैसा निर्घारित समय में पूर्ण शिक्षण सामग्रियों के साथ विद्यालय भेजना, गृहकार्य करने में सहयोग करना आदि। सत्यनारायण मिश्रा के धन्यवाद ज्ञापन एवं शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन पूजा पॉल एवं अतिथि परिचय दयानन्द उपाध्याय द्वारा किया गया। मौके पर विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्याम किशोर सिन्हा, प्रधानाचार्य सत्येंद्र कुमार के आलावे विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं शिक्षिका के साथ सैकड़ों अभिभावक उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment