अवधेश कुमार ने बताया कि इस भुगतान के लिए सेफी ने पुनः इस्पात मंत्रालय एवं डीपीई (वित्त मंत्रालय) का दरवाजा खटखटाया है। इस हेतु सेफी ने विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों व सचिवों से निरंतर मुलाकात कर इस भुगतान की मांग रखी। वर्तमान में डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइसेस के अनुमोदन के पश्चात इस्पात मंत्रालय ने 11 माह के लंबित पर्क्स के एरियर्स भुगतान को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस प्रकार 15 वर्षों से लंबित सेल के अधिकारियों का 11 माह के पर्क्स के एरियर्स भुगतान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। अवधेश कुमार ने इस स्वीकृति के लिए इस्पात मंत्रालय एवं डीपीई का आभार माना।
उन्होंने बताया कि सेफी के संघर्ष तथा अदालतों के इस निर्णय के पश्चात इस्पात मंत्रालय के स्वीकृति से सेल के लगभग 15000 तत्कालीन कार्यपालकों जो 26.11.2008 से 04.10.2009 के बीच सेवारत थे, जिसमें बीएसपी के लगभग 4000 तत्कालीन कार्यपालक भी लाभान्वित होंगे। अवधेश कुमार ने बताया कि सबसे पहले सेफी ने सेल में 26 नवम्बर 2008 से 04 अक्टूबर 2009 के 11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु माननीय कैट के समक्ष केस दायर किया था। जिसमे माननीय कैट ने 15 फरवरी 2016 को सेफी के पक्ष में आदेश दिया था। सेल प्रबंधन ने कैट के आदेश को उच्च न्यायालय कोलकाता में चुनौती दी थी। 13 सितंबर, 2023 को सेल की रिट याचिका को कोलकाता हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
उन्होंने बताया कि सेफी के चेयरमेन नरेन्द्र बंछोर ने इस मुद्दे के निराकरण हेतु इस्पात मंत्रालय से लेकर विभिन्न मंत्रालयों तक दौड़ लगाई और आवश्यक हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था जिससे अधिकारियों को न्याय दिलाया जा सके। केस जीतने के बाद भी इसके भुगतान पर संकट के बादल छाए हुए थे। इस भुगतान हेतु सेल प्रबंधन ने डीपीई की अनुशंसा तथा इस्पात मंत्रालय की स्वीकृति की जरूरत बताई थी। सेफी के प्रयासों से हाल ही में डीपीई एवं इस्पात मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है एवं 11 माह के पर्क्स एरियर्स के भुगतान का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
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