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चार अनाथ बहनों के भाई बने हरि सिंह राजपूत ने 45 किलोमीटर दूर गांव जाकर मनाई रक्षाबंधन, Hari Singh Rajput, who became the brother of four orphan sisters, celebrated Rakshabandhan by going to a village 45 kilometers away.

 


 जमशेदपुर। 45 किलोमीटर दूर निमडीह प्रखंड में चलियामा गांव के बनकाटी टोला में रहने वाली 4 अनाथ बहने,जिसके माता पिता का 4 साल पहले मृत्यु हो जाने से चारों बहने अनाथ हो गई थी। माता पिता के स्वर्गवास हो जाने के बाद सबसे बड़ी बहन कांदरी सिंह जो सिर्फ 15 साल की है वो मजदूरी कर अपनी तीनों छोटी बहनें जो 13 साल,11 साल,9 साल है उनका पालन पोषण कर रही है और छोटी बहने को पढ़ा भी रही है। 



इसकी सूचना मिलते ही वॉइस ऑफ ह्यूमैनिटी के संस्थापक और टाटा स्टील में इंजीनियर के रूप में कार्यरत हरि सिंह राजपूत रक्षाबंधन मनाने उन बहनों के भाई बन जमशेदपुर से उनके गाँव पहुंचे। चारों बहने ने हरि सिंह को राखी बांधी। हरि सिंह राजपूत ने अपने साथियों के साथ गिफ्ट के रूप में नई साइकिल, स्कूल बैग, कॉपी, चॉकलेट देकर उनकी मदद करने की कोशिश की और आगे भी शिक्षा में मदद करने का भरोसा दिया। 


नई साइकिल देखते ही सभी के चेहरे खिल उठे, पास मौजूद गांव वाले ने बताया कि काफी दिनों बाद इन बहनों के चेहरे पर खुशी मिला। हरि सिंह ने बताया की इन बच्चों की खबर सुनकर मन काफी दिनों से दु:खी था। इनकी मदद करने के उद्देश्य से रक्षाबंधन के अवसर पर उनके घर गया और बच्चियों की मदद की, ताकि बच्चियों की पढ़ाई नहीं छूटे और बेटियां आने वाले दिनों में आत्मनिर्भर बन सके। आगे भी बच्चियों का पढ़ाई का खर्च जितना संभव होगा उतना स्वयं उठाएंगे। साथ में मौजूद रंजन सिंह,मोहित सिंह और अभिषेक झा मौजूद थे।



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