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8 सितंबर तक गुवा सेल प्रबंधन 18 गांव के 500 ग्रामीणों को अविलंब रोजगार दें अन्यथा 8 सितंबर के बाद होगा हुड़का जाम : दीपक बिरुवा, Guava cell management should provide employment to 500 villagers of 18 villages without any delay till 8th September, otherwise there will be hodka jam after 8th September: Deepak Biruwa.


गुवा। 8 सितम्बर गुवा शहीद दिवस की तैयारियों का जायजा लेने सेल की गुवा डाक बंग्ला में पहुंचे मंत्री दीपक बिरुवा ने कार्यकर्ताओं से बातचीत कर तैयारियों को जाना। उसके बाद मिडिया से बातचीत में उन्होंने कहा की अगर सेल की गुवा प्रबंधन 8 सितम्बर तक खदान से प्रभावित सीएसआर गांवों से 500 बेरोजगारों को रोजगार नहीं देती है तो आगामी 8 सितम्बर गुवा शहीद दिवस के मंच से इस खदान में अनिश्चितकालिन आर्थिक नाकेबंदी की तिथि की घोषणा कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि गुवा प्रबंधन सिर्फ हम लोगों को रोजगार के मुद्दों पर गोल गोल घुमा रही है। कहती है कि फौरेस्ट क्लियरेंस हो जायेगा तो एक हजार को रोजगार दे देंगे। 



हमारा कहना है कि तत्काल कम से कम 100 बेरोजगारों को रोजगार देकर शुभारम्भ करो एवं 8 सितम्बर तक 500 को रोजगार दो। उसके एक सप्ताह बाद हम सभी विधायक मिलकर फारेस्ट क्लियरेंस कराने की कोशिश करेंगे। फिर सभी गांवों से 50-50 बेरोजगारों को रोजगार देना होगा। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि भाजपा का आरोप निराधार है। झारखण्ड सरकार के पास रोजगार के रिसोर्सेस काफी कम है। भाजपा ने भी वादा किया था कि प्रत्येक साल दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देंगे। लेकिन आज तक नहीं दिया। सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली इकाई रेल, बीएसएनएल, बैंकिंग आदि को भाजपा सरकार खत्म कर दी है। 


अब राज्य सरकार पर रोजगार देने के लिये दबाव दे रही है। भाजपा ने हीं क्षेत्र की सारी खदानें बंद कर दी है। सेल कहा था कि 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से चिड़िया-मनोहरपुर में स्टील प्लांट लगायेंगे लेकिन वह कहां लगा। भाजपा ने जो वादा किया था वह कोई वादा पुरा नहीं किया। उल्लेखनीय है कि मंत्री दीपक बिरुवा के इस घोषणा व ऐलान के बाद गुवा प्रबंधन की परेशानी बढ़ गई है। सेल की किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु खदान ऐसे हीं लौह अयस्क की समस्या से जूझ रही है। गुवा खदान सेल की स्टील प्लांटों को जिंदा रखने में अहम भूमिका निभा रही है। अगर यह खदान भी आर्थिक नाकेबंदी की वजह से बंद हो गई तो स्टील प्लांटों का हाल बुरा हो जायेगा। 500 बेरोजगारों को रोजगार देने की लडा़ई पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा़ के नेतृत्व में गुवा खदान के संयुक्त यूनियन ने जुलाई के प्रथम सप्ताह में अनिश्चितकालिन स्लो डाउन आंदोलन से प्रारम्भ किया था। 


बाद में त्रिपक्षीय वार्ता के बाद आंदोलन समाप्त हुआ था। लेकिन प्रबंधन ने अब तक एक को भी रोजगार नहीं दिया है।पर यह खदान अब भाजपा व झामुमो के बीच राजनीति का केन्द्र बिंदु बनता दिखाई दे रहा है। बाद में मंत्री दीपक बिरुवा से सेल, गुवा के सीजीएम कमल भाष्कर, सीजीएम (जेजीओएम) धीरेन्द्र मिला आदि अधिकारियों ने डाक बंगला में आकर मुलाकात की। इस दौरान जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सोरेन, प्रेम गुप्ता, वृंदावन गोप, हेमराज सोनार, अशोक दास, बामिया पुरती, मुखिया लिपि मुंडा, मजदूर नेता वीर सिंह मुंडा, आलोक तोपनो आदि के अलावे 18 गांवों से आये मुंडा व दर्जनों लोग मौजूद थे।



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