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पोंगा उसरुईया गांव के बीच नदी के तेज बहाव में फंसा बोलेरो, Bolero stuck in the strong current of the river in the middle of Ponga Usruiya village,


गुवा। अत्यंत नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल स्थित छोटानागरा-थोलकोबाद-बालिबा मुख्य मार्ग पर पोंगा और उसरुईया गांव के बीच पुल विहीन नदी पार कर रही बोलेरो तेज बहाव पानी में फंस गई। बोलेरो में यात्री भरे हुए थे। वाहन के ऊपर बोरा और कार्टून में भरा माल भी लदा था। हालांकि कोई घटना नहीं घटी। ग्रामीणों को समझ में नहीं आ रहा था कि अब वह कैसे वाहन समेत नदी को पार करें। 



घटना की जानकारी मिलने के बाद आसपास के ग्रामीण पहुंचे तथा रस्सी आदि के सहारे वाहन को खींच कर नदी से बाहर निकाला। उल्लेखनीय है कि सारंडा के विभिन्न गांवों के ग्रामीण इसी मार्ग से कृषि व वनोत्पाद को विभिन्न क्षेत्रों में लगने वाले हाट-बाजार में वाहनों से लेकर जाते-आते हैं। इस नदी पर पुल बनाने की मांग दशकों वर्षों से ग्रामीण कर रहे थे। इसके बाद पिछले वर्ष इस नदी पर पुल बनाने का काम ठेकेदार जितेन्द्र प्रसाद ने शुरू किया था। यह काम खराब गुणवत्ता एवं रिजर्व वन क्षेत्र के पत्थरों का इस्तेमाल, मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं देने आदि को लेकर हमेशा विवादों में रहा। जंगल का पत्थर लदे एक ट्रैक्टर को भी वन विभाग ने जब्त किया था। 


यह पुल काफी पहले बन जाना था, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही की वजह से सारंडा के दर्जन भर गांवों के ग्रामीण बारिश के मौसम में टापू पर जिंदगी बिताने को मजबूर हैं। सारंडा के ग्रामीण सांसद, विधायक, जिला प्रशासन, पथ निर्माण विभाग से काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि नक्सलियों का वोट बहिष्कार के बावजूद वे अपनी जान जोखिम में डाल जनप्रतिनिधि चुनते हैं, लेकिन हमारी समस्याओं को दूर करने का प्रयास नहीं करते हैं। सारंडा के गांवों में जाने का यह मुख्य मार्ग है।



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