गुवा। पूर्व सांसद गीता कोडा़ ने सारंडा व कोल्हान वन प्रमंडल की तमाम बंद पडी़ खदानों को खोलने, वनाधिकार पट्टा से वंचित लोगों को वनाधिकार पट्टा सरकार से देने की मांग को लेकर पदयात्रा कार्यक्रम के तहत नक्सल प्रभावित सारंडा के चिडिय़ा,अंकुआ,सलाई,दोदारी, रोवाम, गंगदा, नुईया आदि क्षेत्रों का तूफानी दौरा किया। दौरा के क्रम में ग्रामीणों की भारी भीड़ देखी गई। दौरे के क्रम में उन्होंने रोवाम में ग्रामीणों साथ भोजन भी किया। उन्होंने कहा कि सारंडा में खनिज का अकूत भंडार होने के बावजूद यहाँ के लोग बेरोजगारी व पलायन का दंश झेलने को मजबूर हैं। वर्तमान सरकार ने सारंडा की प्रायः खदानों को एक साजिश के तहत वर्षों से बंद रखी हुई है ताकि यहाँ के ग्रामीण व बेरोजगार आगे नहीं बढ़ सके।
ग्रामीणों को अपने परिवार का पालन-पोषण करना काफी मुश्किल हो गया है। आए दिन विभिन्न रेलवे स्टेशनों से पलायन करने वाले बेरोजगारों की भीड़ दिखाई देती है। लगभग पांच साल से झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की हेमन्त सरकार राज्य में बनी है तब से हेमन्त सरकार लाखो पदो पर नियुक्ति निकाल कर नौकरी देने की बात कही है पर 1 प्रतिशत भी लोगो को नौकरी नहीं दिया है और न हीं बेरोजगारी भत्ता दिया है। झामुमो ने 2019 के विधान सभा चुनावी घोषणा पत्र में कहा था अगर हम नौकरी नहीं देंगे तो बेरोजगारों को 5000 एवं 7000 हजार बेरोजगारी भत्ता देंगे जो दोनों नहीं दिया। खदान खोलो अभियान यात्रा के अंतिम दिन 28 अगस्त को बड़ा जामदा में रैली एवं विशाल आम सभा का आयोजन किया जायेगा। गीता कोडा़ ने कहा कि सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के जंगलों में आदिवासी एवं अन्य समुदाय सदियों से निवास करते आ रहे है।
इनकी संख्या लाखों में है। इन क्षेत्रों के निवासी वनोत्पाद खाकर या बेचकर अपना जीवन यापन करते है। इन पैसों से वह रोजमर्रा की जरूरत की चीजों को बहुत मुश्किल से पुरा करते है। इनलोगों का जीविकोपार्जन का मुख्य आधार वन है। इनकी वन भूमि ही इनका पहचान का मूल आधार है। गरीब आदिवासी जंगल और जमीन पर अपने अधिकार के लिए सदियों से लडा़ई लड़ते आ रहे है। केन्द्र सरकार द्वारा वनक्षेत्रों में रह रहे आदिवासी एवं अन्य गरीब लोगों को वन अधिकार अधिनियम के तहत वनपट्टा देने के लिए कानून बनाया।
वर्ष 2023 में हेमन्त की सरकार द्वारा वनक्षेत्रों के निवासियों को ग्रामसभा कर वनपट्टा दावे का आवेदन जिला के प्रखंड, अंचल कार्यालय में मांगा गया था। वनक्षेत्रों में रह रहे गरीब लोग बहुत उम्मीद के साथ व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनपट्टा लेने के लिए हजारों की संख्या में आवेदन हेमन्त सरकार के पास किया है, परन्तु आजतक उनके आवेदन पर कोई विचार नहीं किया गया। वनपट्टा हेतु आगामी 3 सितम्बर को नोवामुण्डी, 4 सितम्बर को मनोहरपुर, 5 सितम्बर को जगन्नाथपुर, 6 सितम्बर को गोईलकेरा एवं 7 सितम्बर को टोन्टो प्रखंड कार्यालय में धरणा-प्रदर्शन किया जायेगा। इसमें सारंडा एवं कोल्हान वन क्षेत्र के गांवों से हजारों की संख्या में ग्रामीण शामिल होकर सरकार की घंटी बजायें।
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