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रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के छठे स्थापना दिवस के अवसर पर "इंडियन नॉलेज सिस्टम और नैक बायनरी सिस्टम" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन समारोह, Inaugural Ceremony of Two Day National Workshop on "Indian Knowledge System and NAAC Binary System" on the occasion of 6th Foundation Day of Rambha College of Education


पोटका। इंडियन नॉलेज सिस्टम और नेक बाइनरी सिस्टम के ऊपर आज से रंभा कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन आरंभ हुआ।  यह आयोजन रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के छठे स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। आज कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर कोल्हान विश्वविद्यालय के  रजिस्ट्रार डॉ राजेंद्र भारती और सम्मानित अतिथि के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के भूतपूर्व वित्त पदाधिकारी डॉ प्रभात कुमार पानी जी उपस्थित थे।



कार्यशाला के की नोट स्पीकर के रूप में  उड़ीसा से शिक्षाविद डॉ दिलीप मंगराज , अतिथि के तौर पर बिहार के रामाधार टीचर्स ट्रेनिंग काॅलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अजीत कुमार पांडे , स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन सुब्रतो विश्वास और काॅलेज की अध्यक्षा रंभा देवी उपस्थित थी। कार्यशाला का औपचारिक शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर और स्वागत गीत के साथ हुआ। कॉलेज के सचिव गौरव बचन ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और सभी अतिथियों से  परिचय कराया। सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत पौधा, उत्तरीय और प्रतीक चिन्ह देकर किया गया।


तत्पश्चात अध्यक्ष राम बचन ने अपना वक्तव्य दिया और काॅलेज के स्थापना वर्ष से अब तक की सफल यात्रा को स्मरण किया। इस अवसर पर कॉलेज मैगजीन "आरंभ 2024" और कॉलेज ध्वज का भी विमोचन अतिथियों के  कर कमल से विमोचन किया गया। मैगजीन के बारे में असिस्टेंट प्रोफेसर शीतल कुमारी ने अपनी बात रखी। कॉलेज के 6 साल के स्वर्णिम शैक्षणिक यात्रा को लेक्चरर रश्मि लुगून ने बताया।


मुख्य अतिथि रजिस्ट्रार डाॅ राजेन्द्र भारती ने अपने वक्तव्य में कहा कि उच्च शिक्षा में नित प्रति दिन परिवर्तन हो रहे हैं। सभी को नैक के नये बायनरी सिस्टम और भारतीय शिक्षा पद्धति की जानकारी होनी जरूरी है। यह कार्यशाला उस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। सम्मानित अतिथि डाॅ प्रभात पानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय ज्ञान पध्दति, योग, वैदिक मैथ्स, भारतीय दृष्टि और आत्म प्रबंधन की जानकारी आज के भौतिकवाद और तनावपूर्ण जीवन में बहुत आवश्यक है।


भारतीय ज्ञान पद्धति ज्ञान ,विज्ञान और जीवन दर्शन अनुभव, निरिक्षण और प्रयोग पर आधारित है। की नोट स्पीकर डाॅ दिलीप मंगराज ने कहा कि भारतीय शिक्षा में ही जीवन का मूलभूत सार निहित है। यह हमें आत्म प्रबंधन और उन्नयन की ओर ले जाता है। इस कार्यशाला में पटना के रामाधार टीचर्स ट्रेनिंग काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅ अजीत कुमार पांडे की भी उपस्थिति रही। इन्होंने विद्यार्थियों से विचार मंथन कराया। कक्षा सात की हिंदी पुस्तक के पाठ मिठाईवाला पर आधारित प्रश्नोत्तरी भी कराया। तत्पश्चात फीडबैक लेकर विद्यार्थियो को भारतीय ज्ञान पद्धति की जानकारी सोदाहरण दी गई। 


प्रथम सत्र में छात्रा श्रेया राॅय, सुदीप्ता प्रधान  और सुनीता बारी ने स्वागत गीत और दीप मंत्र प्रस्तुत किया। द्वितीय सत्र में रीता तंतुबाई ने झारखंड नृत्य प्रस्तुत किया। प्रथम सत्र का संचालन डॉक्टर गंगा भोल और डॉक्टर सुमन लता ने किया और द्वितीय सत्र का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर ऐश्वर्या कर्मकार ने किया। प्रथम सत्र में धन्यवाद ज्ञापन दिया प्रिंसिपल डॉक्टर कल्याणी कबीर ने और द्वितीय सत्र में नर्सिंग कॉलेज की ट्यूटर पूजा लोहार ने। रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के छठे स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सभी शिक्षक और शिक्षकेत्तर सहयोगियों को उत्तरीय और प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया गया।


इस दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न कॉलेज से आए प्रतिभागी भी शामिल रहे। आज स्वामी विवेकानंद कॉलेज , एनएसआईबीएम और करीम सिटी कॉलेज  के चेयरमैन, प्रिंसिपल और प्रोफेसर की उपस्थिति रही। सभी सम्मानित शिक्षाविदों  को भी उत्तरीय और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।



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