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झारखंड सरकार व जिला प्रशासन बताएं लाल पानी पिलाने के लिए अलग झारखंड राज्य बनाया था : ग्रामीण, Jharkhand government and district administration should tell that separate Jharkhand state was created to provide red water: Villagers


गुवा। झारखण्ड सरकार व जिला प्रशासन बताये की क्या ऐसा हीं दूषित लाल पानी पिलाने के लिये अलग झारखण्ड राज्य बनाया गया था ! अलग झारखण्ड राज्य हेतु हम ग्रामीणों ने भी लडा़ई लडी़ थी, तथा हमारे पूर्वज व बीच के साथियों ने शहादत दी थी। यह कहना है सारंडा के छोटानागरा पंचायत अन्तर्गत राजाबेडा़ गांव के ग्रामीणों व महिलाओं का। उल्लेखनीय है कि राजाबेडा़ गांव सेल की गुवा खदान एवं टाटा स्टील की विजय-टू खदान से सटा हुआ है। सेल की गुवा खदान क्षेत्र स्थित रानी चुआं डम्प का बांध टूटने की वजह से खदान का लौह चुर्ण व लाल मिट्टी वर्षा का पानी की तेज बहाव में रानी चुआं नाला के रास्ते जोजोगुटु, राजाबेडा़, जामकुंडिया आदि गांवों के बगल से गुजरने वाली कोयना नदी में मिलकर इस नदी का पानी को पूरी तरह से लाल व प्रदूषित कर दे रही है। 



इसके अलावे टाटा स्टील की विजय-टू खदान का चेकडैम भी बीते वर्षों टुट गया था, जिससे लाखों टन फाइन्स बह गया था। वर्षा होने पर बहा फाइन्स व खदान का लाल मिट्टी बहकर विभिन्न प्राकृतिक नालों के माध्यम से तितलीघाट गांव के समीप कोयना नदी में मिलकर इस नदी का पानी को लाल कर देती है। दोनों खदानें की लाल मिट्टी व लौह चूर्ण बहकर आने से नदी का पानी खूनी रंग में रंग जाता है। दूसरी तरफ राजाबेडा़ गांव के ग्रामीण इस कोयना नदी का पानी का इस्तेमाल हीं पेयजल, खाना बनाने, नहाने, बर्तन व कपडा़ साफ करने के रुप में करते हैं। इनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। नदी किनारे चुआं बनाकर उस चुआं से थोडा़ साफ पानी डेगची में भरकर ले जाते व उसे पीते तथा खाना बनाते हैं। 


सरकार ने बाईहातु गांव स्थित आसन्न जलापूर्ति योजना के तहत पाईप लाईन बिछाकर राजाबेडा़ गाँव के तमाम घरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की योजना बनायी थी। गांव में पानी पाईप लाईन व नल भी लगा, लेकिन ग्रामीणों को आज तक एक बूंद भी पानी इस योजना से नहीं मिला। यह योजना भारी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। राजाबेडा़ गांव के मुंडा जामदेव चाम्पिया ने कहा कि सरकार व प्रशासन हम ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है जो दुर्भाग्य की बात है। सेल व टाटा स्टील सरकार को प्रतिवर्ष डीएमएफटी फंड के रुप में सैकड़ों करोड़ रुपये खदानों से प्रभावित गांवों का विकास हेतु दे रही है, लेकिन हमारा राजस्व गांव का अब तक कोई विकास नहीं हुआ। सिर्फ दोनों खदानें हम ग्रामीणों को निरंतर बीमारी देने का कार्य कर रही है। 


यहाँ तक की वर्षात में राजाबेडा़ गांव पूरी तरह से टापू में तब्दिल हो जाता है। गांव में जाने हेतु एक नाला पर पुल निर्माण हो रहा था लेकिन वह भी पिछले डेढ़ वर्षों से अधूरा पडा़ हुआ है। एक बार मुख्यमंत्री से लेकर उपायुक्त तक अथवा दोनों खदानों के उच्च अधिकारी ऐसा दूषित लाल पानी पीकर दिखा दें, फिर हम उसके बाद सरकार व प्रशासन से कुछ भी मांग नहीं करेंगे।



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