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कुलविंदर ने श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को पत्र भेजा, Kulwinder sent a letter to the Jathedar of Shri Akal Takht,

 


गुरु तेग बहादुर मेमोरियल भवन के कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक लगे 

चारों संरक्षक एवं सिख समन्वय समिति को भी पत्र दिया 

जमशेदपुर। अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मुख्यालय श्री गुरु तेग बहादुर मेमोरियल भवन के कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक लगाने का आग्रह श्री अकाल तख्त के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघुवीर सिंह जी से किया है। उन्होंने तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी पटना के जत्थेदार एवं तख्त श्री हजूर साहब के जत्थेदार को भी मेल भेजा है और इसकी प्रति व्हाट्सएप पर संरक्षक  इंद्रजीत सिंह, संरक्षक गुरदीप सिंह पप्पू, संरक्षक अमरप्रीत सिंह जी काले, संरक्षक गुरदेव सिंह राजा, झारखंड राज्य सिख समन्वय समिति के संरक्षक एवं पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह और प्रधान तारा सिंह को भेजी है। 



इसमें कुलविंदर सिंह ने सांप कहा है कि 2022 में उनका चुनाव कानूनी रूप से वैध नहीं है। एक उम्मीदवार हरमिंदर सिंह मिन्दी ने बहिष्कार किया और चुनाव रुकवाने को झारखंड राज्य हाई कोर्ट की शरण में चले गए जिस पर फैसला आना बाकी है, दूसरा उम्मीदवार हरविंदर सिंह मंटू का तकनीकी कारण से पर्चा खारिज किया। तीसरी भगवान सिंह अकेले उम्मीदवार बचे थे फिर भी उन्हें प्रधान बनाने के लिए गुप्त मतदान प्रक्रिया का ड्रामा किया गया।


भगवान सिंह ने वायदा किया कि अस्पताल और कोचिंग संस्थान बनाएंगे और दानी सज्जनों ने खुलकर दान किया। आप जब तीसरी मंजिल तक का ढांचा तैयार हो चुका है तो यह विभिन्न व्यापारिक फॉर्म एवं संगठन को किराए पर चढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। भूतल पर जो बड़ा हाल बना था उसको भी किराए पर इन्होंने चढ़ा रखा है। सरदार भगवान सिंह अच्छी तरह जानते हैं की जमीन की बंदोंबस्ती टाईटिल अभी तक झारखंड सरकार से सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नाम पर नहीं मिली है। यदि कोई किरायेदार प्रभावशाली हुआ तो उसे निकालना भविष्य में मुश्किल हो जाएगा और अनहोनी हो सकती है।

 

कुलविंदर सिंह को आशंका है कि किराए पर चढ़ाने के नाम पर यह अपना  प्रभावमंडल तैयार कर रहे हैं जिससे कोई भी उन्हें भविष्य में पद से नहीं हटा सके। वहां समर्थकों की फौज रहेगी, जिसके बल पर वह मनमानी कर सकेंगे जैसा कि उन्होंने मानगो में किया है। संविधान के विपरीत वह तीसरी बार वहां प्रधान बने हुए हैं।



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