उभय पक्ष के रवैए से नाराज जस्टिस ने दिया समाधान निकलने का मौका
जमशेदपुर। सिखों के दूसरी सबसे बड़े धार्मिक पीठ और गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री गुरु गोविंद सिंह जी का प्रबंध देख रही प्रबंधक कमेटी पर पटना हाई कोर्ट ने नाराजगी दिखाते हुए तल्ख टिप्पणी की है कि यह गुरु गोविंद सिंह जी के शिक्षा सिद्धांतों पर चलने में असमर्थ है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिखों द्वारा चुने गए पदाधिकारी सिद्धांतों को आगे बढ़ाने में असमर्थ है। कामकाज में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई है जो पवित्र गुरुद्वारा पूरे विश्व भर में पूजनीय है।
वही उन्होंने प्रतिवादी महासचिव इंद्रजीत सिंह के सार्थक रूख को देखते हुए एक साथ मिल बैठकर मुद्दों को सुलझाने का आदेश दिया है। सीडब्लूजेसी 10393/2023 के वादी कमेटी सदस्य महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन एवं सीडब्लूजेसी 15387/2023 के वादी हरगोविंद सिंह और प्रतिवादी महासचिव इंद्रजीत सिंह ने कोर्ट को बताया कि 15 सितंबर को बैठक होगी। न्यायमूर्ति न्यायाधीश राजीव राय ने आदेश दिया कि 15 सितंबर की बैठक में वोटर लिस्ट, गायब मिनट्स रजिस्टर, गुरुद्वारा साहिब की आर्थिक स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर खुलकर स्वतंत्रता के साथ बैठक करें और आपसी भेदभाव को खत्म करें। वहीं न्यायमूर्ति ने सभी पक्षों को गुरु गोविंद सिंह जी के सात सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए बैठक में शामिल होने तथा अपनी बातों को रखने की भी सलाह दी।
बैठक में कोर्ट पदाधिकारी अर्थात वादी महेंद्र पाल सिंह के वकील वरीय अधिवक्ता अंजनी कुमार तथा प्रतिवादी इंद्रजीत सिंह के वकील विंध्याचल राय बतौर अतिथि शामिल रहेंगे। लेकिन अपनी ओर से कोई बात नहीं रखेंगे। वही महासचिव को आदेश हुआ कि वह साधारण एवं रजिस्टर्ड डाक से सभी को बैठक में शामिल होने को पत्र भेज दें और इसकी प्रति थाना प्रभारी, एसडीओ और पटना के सिटी एसपी को भी दे दें। एसडीओ एवं सिटी एसपी बैठक की सुरक्षा का पूरा प्रबंध रखेंगे। इसके साथ ही वादी एवं प्रतिवादी को आदेश हुआ है कि बैठक की पूरी जानकारी एफिडेविट के माध्यम से 20 सितंबर तक न्यायालय में दाखिल करें और अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
गुरु गोविंद सिंह जी के सात शिक्षाएं : दूसरों के लिए आदर्श बनें, जितना संभव हो सके मानवता की सेवा करें, आप जो बोल रहे हैं उस पर पूरा ध्यान रखें, विनम्र व्यक्ति बनें, परमेश्वर की सृष्टि से प्रेम करो, योद्धा और संत दोनों के गुणों को विकसित करें, सभी के साथ समान व्यवहार करें।
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