गुवा। मेघाहाताबुरु श्रमिक संघ सम्बद्ध भारतीय मंजदूर संघ ने पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण किया। भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक साल वीरांगना अमृता बलिदान दिवस को राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के रूप में मनाता है। 1730 में उत्तरी भारत में खेजारली गाँव में मेवार के महाराज अभय सिंह के द्वारा लकड़ियाँ पाने की चाह में पेड़ों को काटने के लिए सेना भेजी गई थी। गांव की अमृता देवी विश्नोई ने इसका विरोध किया था। विरोध को अनसुना करने पर अमृता देवी पेड़ के चारों तरफ हाथों से घेरा बना कर खड़ी हो गई थी।
राजा के कारिन्दों ने तलवार से उसे मार दिया था। इसके बाद बारी-बारी से उसकी तीन पुत्रियों ने पेड़ को बचाने के लिए अपना बलिदान दे दिया था। 60 गांव के 217 परिवारों के कुल 363 लोगों ने जिसमें 65 महिलाऐं भी थी ने अपने जीवन का बलिदान कर दिया था। दुनिया में पर्यावरण की रक्षा के लिए एक साथ इतने लोगों के बलिदान का उदाहरण अन्यत्र कहीं नहीं मिलता। भारतीय मजदूर संघ, झारखण्ड के अध्यक्ष बलिराम यादव जी ने आह्वान किया कि हमसब के छोटे छोटे प्रयासों से ही पिछली पंक्ति में खड़े व्यक्ति को संबल मिलता है। ऐसा ही एक छोटा सा प्रयास हमारा पालन पोषण करने वाली प्रकृति के लिए भी हो।
ऐसा हम सब का और हमारे राष्ट्रवादी संगठन का विश्वास है। उन्होंने अनुरोध किया कि बीएमएस की हर इकाई इस दिवस को अपने स्तर पर मानने का प्रयास करें ताकि पर्यावरण दिवस पर राष्ट्रीयता की ऐसी भावना का प्रवाह अधिकाधिक स्थानों पर हो। इसी क्रम में मेघाहाताबुरु श्रमिक संघ ने सेल मेघाहाताबुरु के एचआरडी सेंटर में पौधारोपण किया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से संजय कुमार सिंह, सहायक शाखा प्रबंधक, बैंक आफ इंडिया, योगेश प्रसाद राम, महाप्रबंधक, मेघाहातुबुरु (वित्त एवं लेखा), मोहन कुमार, सहायक महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा) , राम बाबू डोराडला, सहायक महाप्रबंधक (यांत्रिक) एवं ए के के रेड्डी, उप प्रबंधक (वित्त एवं लेखा), अमित कुमार झा सह विभाग प्रमुख, बीएमएस (जमशेदपुर विभाग), धनुर्जय लागुरी, जिला मंत्री, शिव शंकर सिंह (अध्यक्ष), महामंत्री जगन्नाथ चातर, उपाध्यक्ष जोंगा हाईहुरु, मंत्री सेरगेया अंगारिया, तरुण कुमार जोशी, सानिका गुड़िया, बलराम महतो आदि उपस्थित हुए।
No comments:
Post a Comment