Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template

गुवा सेल प्रबंधन द्वारा रानी चुआं में बनाए गए कच्चा बांध टूटा, बांध टूटने से किसानों को खेत में घुंसा लाल मिट्टी मुरुम, The raw dam built by the Guava Cell management in Rani Chuan broke, due to the breaking of the dam, red soil entered the fields of the farmers,


गुवा। सेल की गुवा खदान के रानी चुआं डम्प एरिया से सारंडा जंगल व प्राकृतिक जल श्रोतों को नष्ट करते हुये लौह चूर्ण व लाल मिट्टी, मुरुम आदि का बहकर कोयना नदी में आने का सिलसिला निरंतर जारी है। इससे न सिर्फ सारंडा का वन व पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है बल्कि सारंडा से गुजरने वाली ऐतिहासिक कोयना नदी एवं इस नदी के तट पर रहने वाले दर्जनों गांवों के ग्रामीणों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। उल्लेखनीय है कि सेल की गुवा प्रबंधन खदान के वेस्ट डम्प को रानी चुआं जंगल क्षेत्र में वर्षों से फेकते आ रही है। इससे इस क्षेत्र के हजारों पेड़ पहले हीं नष्ट व बर्बाद हो चुके हैं। 




तीन वर्ष पूर्व जब रानी चुआं क्षेत्र से भारी पैमाने पर गुवा खदान से लाल मिट्टी, मुरुम बहकर जब जोजोगुटु, राजाबेडा़, बाईहातु, जामकुंडिया आदि गांव क्षेत्रों व कोयना नदी में आकर ग्रामीणों के कृषि रैयत भूमि व नदी को प्रभावित करने लगी तब उक्त गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने पैदल रानी चुआं पहाड़ी को चढ़ गुवा खदान में पहुंचे थे। इस घटना से गुवा प्रबंधन में खलबली मच गई थी एवं कई अधिकारी जोजोगुटु गांव आकर ग्रामीणों से वार्ता किया था एवं समस्या का स्थायी समाधान हेतु लगभग 3 करोड़ की लागत से रानी चुआं डम्प क्षेत्र में आरसीसी गार्डवाल का निर्माण कराने की बात कही थी। इस मामले में सारंडा पीढ़ के मानकी लागुडा़ देवगम, राजाबेडा़ के मुंडा जामदेव चाम्पिया, जामकुंडिया के मुंडा कुशु देवगम ने कहा कि सेल की गुवा प्रबंधन के अधिकारी  उक्त डम्प क्षेत्र में आज तक आरसीसी गार्डवाल नहीं बनाकर हर साल जंगल के पत्थर से कच्चा गार्डवाल बनाकर लाखों रुपये की अवैध कमाई कर रहे हैं तथा वन, पर्यावरण, प्राकृतिक नदी-नालों व हम ग्रामीणों का खेत को बंजर बना रहे हैं। 


उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर दो बार जाँच हुआ, पहली जाँच वन विभाग गुवा व मनोहरपुर के तत्कालीन रेंजर ने संयुक्त रुप से किया था। दूसरी जांच जगन्नाथपुर के तत्कालीन एसडीओ, किरीबुरु के तत्कालीन एसडीपीओ, नोवामुण्डी व मनोहरपुर के तत्कालीन अंचलाधिकारी आदि अधिकारियों की संयुक्त टीम ने ग्रामीणों के साथ किया था एवं मामला सही पाकर ग्रामीणों को हुये नुकसान का मुआवजा दिलाने की बात कही थी। लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ। 


मानकी-मुंडाओं ने कहा कि अब हम ग्रामीण आपस में चंदा कर सेल व टाटा स्टील के खिलाफ सारे फोटो, वीडिओ व अन्य प्रमाण पत्रों को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में जल्द मामला दायर करेंगे एवं न्याय मिलने तक लडा़ई लडे़ंगे। इसके लिये दिल्ली के कुछ पर्यावरण विशेषज्ञों से भी मदद व सलाह लिया जायेगा। लागुडा़ देवगम ने कहा कि इसी मार्ग से हम ग्रामीण गुवा पैदल जाते हैं। यह तस्वीर बताती है कि जंगल व पर्यावरण को गुवा प्रबंधन कैसे नष्ट कर रही है। हम ग्रामीणों को सिर्फ बीमारी दिया जा रहा है और नौकरी का लाभ बाहरी को दिया जा रहा है। यह दोहरी नीति बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।



No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template