चक्रधरपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर रेल मंडल के बंडामुंडा रेलवे यार्ड इन दिनों अपने सुरक्षा बेबस्था पर आंसू बहा रहे है। ऐसे तो इस रेल यार्ड का सुरक्षा बंडामुंडा आरपीएफ पर निर्भर है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से बंडामुंडा आरपीएफ इस रेल यार्ड को सुरक्षा देने में खरा नहीं उतर पा रहे है। जिस कारण रेलवे प्रशासन के निर्देशानुसार यह रेल यार्ड पर अब कोरस कमांडो की निगरानी पर है, लेकिन रेल यार्ड की सुरक्षा की जिम्मेदारी कोरस कमांडो के हाथो पर आने के बाद आरपीएफ के काविलियत पर प्रश्न उठने लगे है। मिली जानकारी के अनुसार बंडामुंडा आरपीएफ पोस्ट पर 10 अफसर समेत कुल 62 आरपीएफ के जावन शामिल है, लेकिन इतने संख्या में आरपीएफ की मौजूदगी के बाद भी रेल यार्ड के सुरक्षा के लिए कोरस कमांडो पर निर्भर होना सामान्य में चर्चा बनी हुई है।
सूत्र बताते है कि जिस रेल क्षेत्र में सुरक्षा बेबस्था आरपीएफ के नियंत्रण से बाहर होती है या जिस रेल क्षेत्र में आतंकवाद या नक्सलवाद सक्रिय है उन जगहों की सुरक्षा के लिए कोरस कमांडो का इस्तेमाल की जाती है। लेकिन बंडामुंडा रेलवे यार्ड में कोरस कमांडो का इस्तेमाल सीधे तौर पर इस बात को दर्शाता है कि यह रेल यार्ड की सुरक्षा आरपीएफ के नियंत्रण से बाहर है। जिस कारण इस रेल यार्ड में बड़े ही आसानी से चोर गिरोह कोयला और स्क्रैप पर अपना हाथ साफ करते है। इन परिस्थितियों में रेलवे के वरीय अधिकारियों के द्वारा आरपीएफ पर कड़ी कारवाई करने की मांग हो रही है। इस विषय पर चक्रधरपुर रेल मंडल के सुरक्षा आयुक्त को फोन करने पर उनसे संपर्क नहीं हो सका। जिससे उनका पक्ष नहीं हो पाया।
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