जमशेदपुर। स्वदेशी जागरण मंच से सम्बद्ध पर्यावरण पहल एवं शिवम शिल्पकला केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में भारत सेवाश्रम संघ में पर्यावरण संरक्षित करने के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक किया गया और साथ ही 50 कि संख्या में फलदार एवं मेडिसिनल पौधों का रोपण किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खादी ग्रामोद्योग आयोग के पूर्वी भारत के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह जी ने विद्यार्थियों को बताया कि आज विश्व के 100 प्रतिशत पानी मे से मानव एवं खेती के लिए केवल 3 प्रतिशत पानी ही है।
सृष्टि यह जानती थी कि मानव अपने उपभोग के लिए बिना सोचे समझे पानी का उपयोग करेगा। जिसके वजह से सृष्टि ने 2.5% पानी भूमि के अंदर वाटरबैंक के रूप में रखा। पूर्व में मानव ने धरती के ऊपरी सतह में नदी, पोखर और तालाब के रूप में 0.5% पानी का उपयोग करता रहा, लेकिन वर्तमान विकास के मॉडल ने लोगों को पानी का दुरुपयोग करना सिखाया। आज मानव ने भूगर्भ में स्थित 2.5% पानी का इस्तेमाल करते करते उसे भी समाप्ति के कगार पर ले आया।
आज दुनिया के लगभग 25 शहर ऐसे है जिसका भूगर्भ जल अगले 25 वर्षों में समाप्त हो जाएगा। जिसके वजह से शहर का भी अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, क्योंकि मानव पानी के बिना नहीं रह सकता। कार्यक्रम में भारत सेवाश्रम संघ के प्रधानाचार्य स्वामी स्वमेशरानंद महाराज और हिन्दुपीठ के संस्थापक अरुण सिंह ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत प्रचार प्रमुख अमित मिश्रा और धन्यवाद ज्ञापन भारत सेवाश्रम विद्यालय के शिक्षक जितेंद्र दुबे ने किया। मुख्य रूप से स्वामी गोकुलानंद, मधु सिंह, मीनाक्षी देवी, सुखदेव, पंकज सिंह, डॉ अनिल राय, गुरजीत सिंह, अभय सिंह, कौशल किशोर सिंह, देव कुमार के अलावा भारत सेवाश्रम संघ के शिक्षक एवं विद्यार्थी गण उपस्थित रहे।
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