जमशेदपुर। दलमा इको सेंसेटिव जोन अंतर्गत आने वाले 85 गांवों के लोगों को वन विभाग की ओर से जारी नोटिस के मामले में ग्रामीणों में दहशत के साथ ही आक्रोश व्याप्त है और वन विभाग के प्रति लगातार लोगों द्वारा विरोध भी की जा रही है। इसको देखते हुए दलमा के आरएफओ (रेंजर) दिनेश चंद्रा ने दलमा के रिसोर्ट में मंगलवार को मुखिया के साथ बैठक कर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया।
इस दौरान पत्रकारों को बताया कि दलमा इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत आने वाले 85 गांवों के मकानों को झारखंड सरकार के वन, पार्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा नोटिस भेजा गया है जो एक बुलावा है और इससे ग्रामीणों को भयभीत होने की जरुरत नहीं हैं क्योंकि नोटिस सिर्फ एक सर्वे के लिए दिया गया है जो उन गांवों के विकास के लिए ही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसमें ग्रामीणों के घरों को उजाड़ने व विस्थापित करने की बात महज अफवाह है। इस तरह की अफवाह वन विभाग के खिलाफ 2012 में भी फैलाई गई थी जो गलत है। ग्रामीणों को इससे दूर रहना चाहिए और इस संबंधित कुछ भी समस्या हो तो विभाग से मिलकर जानकारी लेनी चाहिए ताकि लोग भ्रमित न हों।
रेंजर ने बताया कि जोन के अंदर गांवों के विकास के लिए एक्स लीड जमशेदपुर को फंड मिल चुका है। अब गांवों में सर्वे टीम जाएगी और ग्रामीणों के साथ बैठक कर प्रोजेक्ट तैयार की जाएगी। जिसके बाद गांवों में विकास कार्य शुरू होंगे। इस अवसर पर रुदिया मुखिया सुबोधनी माहली, ज्योतिलाल माहली, शत्रुघन सिंह, मुखिया बरुण सिंह, भोला सिंह, सुभाष सिंह के आलावा दलमा वन्य क्षेत्र के ग्रामीण राजाराम माझी एवं ग्रामीण उपस्थित थे।
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