चक्रधरपुर । ब्रह्माकुमारिज पाठशाला परिसर में गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर " गुरु का स्थान सबसे ऊंचा, गुरु के बिना अब कोई न दूजा " कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पाठशाला की संचालिका बीके मानिनि के द्वारा परमात्म महावाक्य पाठ कराकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद राजयोग प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए संचालिका बीके मानिनि ने कहा कि परमपिता शिव हमारा बाप और गुरु के साथ परम शिक्षक भी है। वह हमें अच्छे-बुरे से पहचान करवाता है।
साथ ही हमे आत्मनिर्भर,जिम्मेदार और मौलिक रूप से सशक्त बनाता है इतना ही नहीं हर रोज पढ़ाता है, हमारी कल्पना को प्रज्वलित करता है। उन्होंने सभी राजयोग प्रशिक्षुओं से सही आचरण बनाए रखने और एक कामयाब इंसान बनने के लिए नियमित परिश्रम को जीवन के सफलता का आधार बनाने के साथ शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया के एक सहायक वातावरण प्रदान करने का आश्वासन भी दिया। मौके पर परमात्मा के साथ अन्य सभी शिक्षकों के प्रति समान आदर प्रकट करते हुए परम शिक्षक परमात्मा को आज सतगुरूवार का भोग स्वीकार कराया, जबकि वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षु संगीता ने उपस्थित सभी की ओर से पाठशाला संचालिका बीके मानिनि बहन को अंग वस्त्रम ओढायी तथा गुलदस्ता व सौगात दिया।
इसके बाद सभी के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गीता, वीना, सुशीला, सुमित्रा, बालेमा,रीता, नर्गेश, सुलेखा, इंदिरा, आशा, सुनीता, राम भरत, राजेश, ओडेया, राजू, दीपू समेत अन्य राजयोग प्रशिक्षु महत्वपूर्ण योगदान दिए।
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