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नियम ताक पर रख रात में एनएसआईपीएल कर रही खनन, NSIPL is mining at night, disregarding the rules.


गुवा। सेल की मनोहरपुर आयरन माइन्स, दुबिल (चिडिय़ा) खदान में डीजीएमएस व फौरेस्ट से संबंधित नियमों को ताक पर रखकर एनएसआईपीएल नामक ठेका कंपनी द्वारा सूर्यास्त के बाद से लेकर सूर्योदय के पहले तक खनन गतिविधियां चलाया जा रहा है। हालांकि इस खदान में सूर्योदय के बाद से लेकर सूर्यास्त से पहले तक हीं खनन एवं अयस्क को परिवहन कर रेलवे साइडिंग मनोहरपुर तक ले जाने की अनुमति है। सूर्यास्त के बाद से लेकर रात्रि लगभग 10 बजे तक सिर्फ मशीनों का मेनटेनेंस करने की अनुमति है। लेकिन रात भर दुबिल खदान में क्रसिंग, स्क्रिनिंग,भारी वाहनों जैसे डम्फर आदि का कार्य निरंतर संचालित हो रहा है। 



सेल की चिडिय़ा खदान में उत्पादन से लेकर डिस्पैच तक का सारा काम एनएसआईपीएल नामक ठेका कंपनी को दिया गया है। पहले इस खदान में हैंड माइनिंग करने की हीं अनुमति थी। लेकिन अब यहाँ सारा काम मशीन से होता है। रात के समय निरंतर जारी खनन गतिविधियां की शिकायत पर गंगदा पंचायत के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल, दीघा पंचायत के मुखिया इग्नेश बारला, सारंडा पीढ़ के मानकी लागुडा़ देवगम, जामकुंडिया के मुंडा कुशु देवगम, मंगल कुम्हार आदि 4 सितम्बर की रात सेल, चिडिय़ा खदान जाकर औचक निरीक्षण किया। इस दौरान पाया गया की खदान में स्थित हौपर में डम्फरों से अयस्क डालने, क्रेशर से पत्थर तोड़ने तथा उसे स्क्रिनिंग मशीन में स्क्रिनिंग करने, स्क्रीन  किया साईज ओर को पास में भंडारण करने समेत तमाम मशीनों का संचालन जारी था। यह गतिविधियों खदान का मुख्य गेट में ताला जड़ किया जा रहा था, ताकि कोई बाहरी लोग आकर इसकी फोटो अथवा वीडिओ नहीं बना सके। 


इसके बावजूद उक्त लोग गेट के पास वाहन खडा़ कर पैदल कार्य स्थल पर पहुंचे। खदान में रात्रि के समय उत्पादन कार्य में लगे श्रमिकों व डंफर आपरेटरों ने बताया कि यहाँ प्रतिदिन रातभर खदान की तमाम गतिविधियां चलता है। इस खदान में तीन पालियों में मजदूर व आपरेटर काम करते हैं। नक्सल प्रभावित घने जंगलों में यह खदान होने की वजह से रात में किसी भी विभाग का कोई अधिकारी नहीं आता है। खदान के अंदर जंगली हाथी व पालतू जानवरों का प्रवेश हमेशा होते रहता है। इसका ताजा प्रमाण भी खदान गेट के ठीक सामने हाथी का नया लीद के रुप में देखने को मिला।


मुखिया राजू सांडिल, मुखिया इग्नेश बारला, मानकी लागुडा़ देवगम व अन्य मुंडाओं ने बताया कि सेल, का यह दुबिल खदान सारंडा स्थित हाथियों व अन्व वन्यप्राणियों के विचरण वाले कौरिडोर में स्थित है। रात के समय भारी वाहनों व खनन गतिविधियां चलने व उससे उत्पन्न कंपन व आवाज से वन्यप्राणियों का जीवन में खलल पड़ रहा है। इससे हाथियों का बायलोजिकल क्लौक प्रभावित हो रहा है, जिससे हाथीं हिंसा का रुप अपनाते हुये सारंडा के गांवों में निरंतर तांडव मचा रहे हैं। हम उद्योगों व खदानों के विरोधी नहीं हैं। लेकिन सारा कार्य नियम को ताक पर नहीं होना चाहिए। रात के समय एनएसआईपीएल अपनी फायदा के लिये नियम विरुद्ध कार्य कर रही है। हम सभी इसको लेकर लीगल सलाह लेंगे और उचित मंच पर सारे प्रमाण व वीडीओ को रखकर नियम विरुद्ध गतिविधियों पर रोक लगाने की जल्द मांग करेंगे। 


एनएसआईपीएल के सक्षम पदाधिकारी सुनील से सम्पर्क करने पर उन्होंने कहा कि उक्त खदान में रात के समय खनन गतिविधियां की अनुमति नहीं है। सिर्फ रात 10 बजे तक मशीनों का मेंटेनेंस की अनुमति है। हम सभी डीजीएमएस और फौरेस्ट रुल का पालन कर खनन गतिविधियां करते हैं। रात के समय खनन कार्य नहीं होता है। मेंटेनेंस प्रक्रिया की वजह से 4 सितम्बर की रात कुछ मशीनें चलाई गई होगी।



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