जमशेदपुर। अक्टूबर माह को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्तन कैंसर जागरूकता माह घोषित किया गया है। स्तन कैंसर दुनिया भर में सबसे आम कैंसर है (2.3 मिलियन नए मामले/वर्ष)। यह महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर का एक चौथाई हिस्सा है, जिसमें 70% मृत्यु दर सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों में होती है। भारत में भी, इसने महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर के रूप में सर्वाइकल कैंसर की जगह ले ली है। बीमारी के बारे में जागरूकता की कमी के कारण देर से निदान होता है और परिणाम खराब होते हैं।
भारत में ज़्यादातर ब्रेस्ट कैंसर के मरीज़ों में बीमारी का पता स्टेज 3 या 4 में चलता है। स्क्रीनिंग के लिए स्थापित दिशा-निर्देश हैं, लेकिन ज़्यादातर महिलाएँ अनजान हैं और ब्रेस्ट कैंसर की जाँच नहीं करवाती हैं। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन का विषय है 'किसी को भी स्तन कैंसर का सामना अकेले नहीं करना चाहिए'। एमटीएमएच ने रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर वेस्ट के साथ मिलकर इस विषय पर जागरूकता और प्रारंभिक पहचान अभियान की योजना बनाई है। कॉलेजों, स्कूलों, विभिन्न महिला क्लबों और बस्तियों में और ग्रामीण आबादी तक पहुँचने वाली सहियाओं के लिए स्तन कैंसर पर जागरूकता सत्र आयोजित करने की योजना बनाई गई है। जागरूकता पर्चे वितरित किए जाएँगे। जागरूकता सत्रों के दौरान पंजीकरण कराने वाली महिलाओं के लिए निःशुल्क स्क्रीनिंग मैमोग्राफी की जाएगी। रेडियो पर विशेषज्ञ वार्ता और जागरूकता संदेश प्रसारित किए जाएँगे।
श्रीमती डेजी ईरानी और एमटीएमएच के अध्यक्ष डॉ. आर. एन. शर्मा ने 1 अक्टूबर को एमटीएमएच ओपीडी में इस वर्ष के अभियान की शुरुआत की। एमटीएमएच के निदेशक डॉ. कोशी वर्गीस ने रोटरी क्लब और इनर व्हील के सदस्यों, स्कूल और कॉलेज के प्रिंसिपलों और टाटा स्टील फाउंडेशन के प्रतिनिधियों सहित मेहमानों का स्वागत किया। अभियान की शुरुआत एमटीएमएच की सलाहकार डॉ. सुजाता मित्रा ने की। एमटीएमएच के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. तमोजीत चौधरी ने स्तन कैंसर पर एक प्रस्तुति दी और टीएमएच के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. संघमित्रा जेना ने सर्जिकल परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया। रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर वेस्ट के अध्यक्ष डॉ. अमित मुखर्जी ने सामुदायिक वकालत की भूमिका पर बात की।
No comments:
Post a Comment