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Chaibasa. 2 दिसंबर को केवी मेघाहातुबुरु में कृषि ग्रामसभा का होगा आयोजन, किसानों के बीच बांटे जाएंगे मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड, Agricultural Gram Sabha will be organized in KV Meghahatuburu on 2nd December, soil health report cards will be distributed among the farmers,


Guwa (Sandeep Gupta) । भारत सरकार के कृषि व शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त निर्देशानुसार मृदा (मिट्टी) स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत केन्द्रीय विद्यालय, मेघाहातुबुरु के बच्चों ने सारंडा जंगल क्षेत्र के लगभग 20-25 किलोमीटर क्षेत्र के किसानों के खेतों की मिट्टी संग्रह कर उसके मृदा स्वास्थ की सफल जाँच केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु स्थित लैब में की है। अब विद्यालय प्रबंधन 2 दिसम्बर को सुबह लगभग 9 बजे से प्राचार्य डा0 आशीष कुमार के नेतृत्व में विद्यालय प्रांगण में आयोजित विशेष कृषि ग्राम सभा में सारंडा के किसानों, मुखिया व जनप्रतिनिधियों को मृदा स्वास्थ्य जाँच संबंधित विशेष रिपोर्ट कार्ड सौंपेंगे, ताकि किसानों को खेती करने में भारी तकनीकी लाभ मिल सके। 


प्राचार्य डा0 आशीष कुमार ने बताया की हमारे विद्यालय के बच्चों ने मृदा स्वास्थ्य जाँच कर क्रांतिकारी कार्य किया है। इससे पहले यहाँ ऐसा कार्य नहीं हुआ था। बच्चों ने किरीबुरु, मेघाहातुबुरु, बराईबुरु, करमपदा से लेकर छोटानागरा क्षेत्र तक के किसानों के 50 खेतों से मिट्टी लाकर उसे अपने स्कूल के लैब में वैज्ञानिक तरीके से मिट्टी की गुणवत्ता की जाँच की। मिट्टी में मौजूद रहने वाली 12 पैरामीटर अर्थात नाइट्रोजन, पीएच, सल्फर, आयरन, फास्फोरस, ईसी, जिंक, मैगनीज, पोटैसियम, आर्गेनिक कार्बन, कौपर, बोरोन की मात्रा की जाँच की गई है। मृदा स्वास्थ्य जाँच उपरान्त खेत की मिट्टियों में खेती हेतु प्रति हेक्टेयर कितना डीएपी, यूरिया, एमओपी, एसएसपी, आदि दिया जायेगा उसकी विस्तृत जानकारी रिपोर्ट कार्ड में दर्शाया गया है। प्राचार्य डा0 आशीष कुमार ने बताया की भारत एक कृषि प्रधान देश है। 


मिट्टी की सहीं से जांच व अन्य जानकारियों के अभाव में किसानों को खेती में नुकसान उठाना पड़ता है। केन्द्र सरकार के कृषि व शिक्षा मंत्रालय ने यह बेहतर कार्य प्रारम्भ किया है। यह हमारे शिक्षा का भी हिस्सा है। मिट्टी जाँच हेतु कीट, मशीन आदि हमारे स्कूल में लैब के रुप में स्थापित हो चुका है। हमारे बच्चे आसपास गांवों के किसानों के खेतों की मिट्टी की गुणवता जाँच कर उन्हें जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे। इससे किसानों को खेती, बगवानी आदि में भारी लाभ होगा। अर्थात पैदावार बढे़गा तो किसान व देश उन्नति के पथ पर अग्रसर होंगे। इसका व्यापक व तकनीकी लाभ हमारे बच्चों को भी होगा।

 उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के कृषि व शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त निर्देशानुसार तथा नवार्ड व नेब फाउंडेशन के द्वारा केन्द्रीय विद्यालय, मेघाहातुबुरु में प्राचार्य डा0 आशीष कुमार के नेतृत्व तथा हार्वेस्टो, दिल्ली के विशेषज्ञ विमलेश झा की देखरेख में मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन 5 नवम्बर को किया गया था। यह कार्यक्रम देश भर के लगभग एक हजार केन्द्रीय विद्यालयों में संचालित किया गया था।



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