Guwa (Sandeep Gupta) । भारत सरकार के कृषि व शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त निर्देशानुसार तथा नवार्ड व नेब फाउंडेशन के द्वारा केन्द्रीय विद्यालय, मेघाहातुबुरु में प्राचार्य डा0 आशीष कुमार के नेतृत्व तथा हार्वेस्टो, दिल्ली के विशेषज्ञ विमलेश झा की देखरेख में मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन 5 नवम्बर को किया गया। यह कार्यक्रम देश भर के लगभग एक हजार केन्द्रीय विद्यालयों में संचालित किया जा रहा है।
इस संबंध में हार्वेस्टो के विशेषज्ञ विमलेश झा ने बताया की सभी स्कूलों में मृदा (मिट्टी) स्वास्थ्य जाँच हेतु पूरी कीट, मशीन, रसायन आदि के साथ लैब स्थापित कराया गया है। आज इस स्कूल में मिट्टी की जाँच कैसे किया जाता है उसका वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण विद्यालय के छात्र-छात्राओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं को दिया जा रहा है। बच्चे विभिन्न क्षेत्रों के किसानों के खेतों से मिट्टी लेकर आये हैं जिसकी जांच कैसे होता है वह बताया जा रहा है। उन्होंने बताया की मिट्टी में 12 तत्व पाये जाते हैं, उन सभी भी जानकारी दी गई। मिट्टी खेतों से जांच हेतु कैसे संग्रह करना है तथा लैब में क्या-क्या सावधानियां बरतना है उसकी जानकारी विस्तार से दिया जा रहा है।
विद्यालय के प्राचार्य डा0 आशीष कुमार ने बताया की भारत एक कृषि प्रधान देश है। मिट्टी की सहीं से जांच व अन्य जानकारियों के अभाव में किसानों को खेती में नुकसान उठाना पड़ता है। केन्द्र सरकार के कृषि व शिक्षा मंत्रालय ने यह बेहतर कार्य प्रारम्भ किया है। यह हमारे शिक्षा का भी हिस्सा है। मिट्टी जाँच हेतु कीट, मशीन आदि हमारे स्कूल में लैब के रुप में स्थापित हो चुका है। हमारे बच्चे आसपास गांवों के किसानों के खेतों की मिट्टी की गुणवता जाँच कर उन्हें जानकारी उपलब्ध करायेंगे। इससे किसानों को खेती, बगवानी आदि में भारी लाभ होगा। अर्थात पैदावार बढे़गा तो किसान व देश उन्नति के पथ पर अग्रसर होंगे।
इसका व्यापक व तकनीकी लाभ हमारे बच्चों को भी होगा। उन्होंने बताया की 50 मृदा नमूनों का संग्रह कर 25 नमूनों का परीक्षण किया गया। आगामी 5 दिसम्बर विश्व मृदा दिवस यानी से पहले मृदा स्वास्थ्य कार्ड का निर्माण और ग्राम सभा का आयोजन किया जायेगा। छात्रों को विश्व मृदा दिवस पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) पोर्टल पर ऑनलाइन क्विज में भाग लेने हेतु निर्देशित किया जायेगा। इस दौरान विद्यालय की शिक्षिका स्वाती कुमारी (बायोलौजी), शिक्षक विनय गौड़ (रसायन) आदि मौजूद थे।
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