Jamshedpur (Nagendra) । छंदमालय कवि मंडपम भाग-5 का भव्य और सफल आयोजन इस बार श्री साहित्य कुंज और तुलसी भवन हिन्दी साहित्य समिति जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में झारखंड की राजधानी राँची के सेंट ज़ेवियर कॉलेज के ऑडिटोरियम में किया गया। इस अनूठे कार्यक्रम में माँ शारदे और श्री गणेश वंदना से लेकर, संचालन, आमंत्रण, आभार, धन्यवाद ज्ञापन और प्रस्तुति सभी दोहा, सरसी छंद और चौपाई छंद में लिखी रचनाओं से की गई। इस कार्यक्रम में कुल ग्यारह कवियों द्वारा झारखंड राज्य के विभिन्न विषयों को लेकर छंदोमय प्रस्तुति दी गई और उनके द्वारा छंदों में लिखी रचनाओं के साझा संकलन की पुस्तक का लोकार्पण भी हुआ।
इस कार्यक्रम में सभी के प्रस्तुति का विषय झारखंड के त्योहार, कला संस्कृति इसके शहर, औद्योगिक उत्पादन व नगर दर्शनीय स्थल तक धार्मिक स्थल था साथ संचालक की भी छंदोंबद्ध रचनाओं से अपनी -अपनी भूमिका निभाई। छंदमाल्य पाँच पुस्तक के लोकार्पण के बाद सभी छंदमाल्य के अतिथि एवं गुरुओं का सम्मान हुआ ।
छंदमाल्य की परिकल्पना करने वाली आदरणीया प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’, श्री साहित्य कुंज की संस्थापिका मनीषा सहाय सुमन और मार्गदर्शन करने वाले गुरुओं में गोप कुमार मिश्र, दिनेश रविकर, जंग बहादुर पाण्डेय, उपाध्यक्ष तुलसी भवन राम नंदन प्रसाद, मानद महा सचिव प्रसेनजीत तिवारी तुलसी भलव,तथा सुरिंदर कौर 'नीलम' जी की अहम भूमिका रही।
छंदमाल्य भाग पाँच में प्रस्तुति करने वाले साहित्यकारों में, राजश्री राज, मनीषा सहाय 'सुमन', बिंदु प्रसाद 'रिद्धिमा', पुष्पा पाण्डेय, प्रतिभा प्रसाद 'कुमकुम', रीना सिन्हा 'सलोनी', आरती श्रीवास्तव 'विपुला', रजनी रंजन, निर्मला कर्ण, प्रतिमा मणि त्रिपाठी, विभा वर्मा 'वाची' आदि स्वतंत्र पाठ किया। खुला सत्र में ब्रजेन्द्रनाथ मिश्र, कामेश्वर कुमार कामेश्वर, खुशबू वर्णवाल, सिम्मी नाथ, सुजाता प्रिय, स्मिता, मधुमिता साहा आदि साहित्यकारों ने अपनी -अपनी प्रस्तुति दी।
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