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Jamshedpur. बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में संवाद-ए ट्राइबल कॉन्क्लेव का हुआ आगाज, टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने रोजगार को लेकर की बड़ी घोषणा, Samvad-e Tribal Conclave started at Gopal Maidan, Bishtupur, Tata Steel MD TV Narendran made a big announcement regarding employment,


 Jamshedpur (Nagendra) । संवाद-ए-ट्राइबल कॉन्क्लेव का शुक्रवार को बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्र, टाटा स्टील के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी, धाड़ दिशोम देश परगना बैजू मुर्मू, हो समाज के पीढ़ मानकी गणेश पाठ पिंगुवा ने किया। इस अवसर पर टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि संवाद कार्यक्रम हर साल करने का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को प्लेटफॉर्म मुहैया कराना है। ट्राइबल एरिया के लोगों को इससे जोड़ा जाता है।


एमडी ने कहा कि संवाद ए ट्राईबल कॉनक्लेव के 11वें संस्करण का भव्य शुभारंभ गोपाल मैदान में भव्य रूप से हो गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर धरती आबा बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जनजातीय नेताओं, समाज में बदलाव के अग्रदूतों और टाटा स्टील लिमिटेड के वरिष्ठ नेतृत्व ने आयोजन की शोभा बढ़ाई। समारोह की शुरुआत जनजातीय समुदाय और टाटा स्टील के वरिष्ठ सदस्य द्वारा जावा के अनावरण से हुई। इसके बाद झारखंड और ओडिशा की 22 जनजातियों का प्रतिनिधित्व करते हुए 401 नगाड़ों की गूंज ने वातावरण को संस्कृति, ऊर्जा और उत्साह से सराबोर कर दिया। 

उद्घाटन समारोह में वरिष्ठ और सम्मानित जनजातीय नेतृत्वकर्ताओं तथा समाज में बदलाव लाने वाले व्यक्तित्वों की उपस्थिति रही। इनमें संथाल जनजाति से बैजू मुर्मू और दशमथ हांसदा, हो जनजाति से गणेश पाट पिंगुआ, भूमिज जनजाति से उत्तम सिंह सरदार, महाली जनजाति से कानू राम मार्डी, उरांव जनजाति से लक्ष्मीनारायण भगत और खड़िया जनजाति से सोमरा खड़िया प्रमुख रूप से शामिल थे। उद्घाटन समारोह में टाटा स्टील लिमिटेड के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की भी उपस्थिति रही, जिनमें टाटा स्टील लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और टाटा स्टील फाउंडेशन के चेयरमैन, टी वी नरेंद्रन; टाटा स्टील लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट कॉरपोरेट सर्विसेज और टाटा स्टील फाउंडेशन के डायरेक्टर, चाणक्य चौधरी; स्वतंत्र निदेशक दीपक कपूर और डॉ. शेखर मांडे शामिल थे। 

यह अनोखा जनजातीय सम्मेलन भारत की विविध जनजातियों को एकजुट कर रहा है, जिसमें 704 अनुसूचित जनजातियों में से लगभग 253 जनजातियों की भागीदारी देखी गई है। 'अखड़ा,' जो गांव स्तर की बैठकों से उत्पन्न एक अवधारणा है, संवाद का मुख्य केंद्र बनकर उभरा है। यह आदिवासियों के लिए एक स्थायी और सुरक्षित मंच प्रदान करता है, जहां संवाद के माध्यम से सामाजिक चुनौतियों पर गहराई से चर्चा की जाती है और हमारे दृष्टिकोण को व्यापक बनाया जाता है। इस वर्ष, संवाद में 200 से अधिक नए प्रतिभागियों की सहभागिता होगी, जो उन व्यक्तियों की प्रेरक यात्रा से प्रभावित होकर इस मंच से जुड़ रहे हैं, जिन्होंने संवाद की दशक भर की यात्रा में प्रारंभ से ही इसकी सफलता में अहम भूमिका निभाई है। 

संवाद की पहली शाम एक शानदार प्रदर्शन से सजी रही, जिसमें कलर्स ऑफ झारखंड' समूह द्वारा 401 नगाड़ों के साथ दिलचस्प और आकर्षक प्रस्तुति दी गई। इसके बाद, नागपुरी बैंड की प्रमुख गायिका गरिमा एक्का ने अपनी दमदार आवाज़ से समां बांध दिया। संवाद फेलोशिप सत्र और जनजातीय होम कुक्स के साथ कार्यशालाएं ट्राइबल कल्चरल सेंटर, सोनारी और जोहार हाट, प्रकृति विहार, कदमा में आयोजित की जा रही हैं। यहां पर 100 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें जनजातीय कारीगरों, हीलर्स, कलाकारों और होम शेफ्स द्वारा उनके मातृभूमि से लाए गए बारीकी से चयनित कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं, जो पुराने समय की कहानियों को उजागर करती हैं और उनके प्राचीन ज्ञान को साझा करती हैं।



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