Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template

Bhopal. महिलाओं के बीच मजबूत पैठ बनाने में जुटी अलका लांबा, Alka Lamba is busy in making strong inroads among women*

 


Upgrade Jharkhand News. देश की आधी आबादी यानि महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की वकालत हो या उन पर होने वाले अपराधों के खिलाफ पूरी ताकत से आवाज बुलंद करने की बात हो, देश की महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा यह काम बखूबी कर रही है। महिला कांग्रेस का नारी न्याय अभियान भी तेजी से चल रहा है। अलका लांबा ने हाल ही में सदस्यता अभियान चलाया। इस अभियान के जरिए कांग्रेस महिलाओं के बीच में अब मजबूत पैठ बनाने की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। इसका असर हर हाल में महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में देखने को मिलेगा। जिसमें अधिकांश महिलाओं का वोट कांग्रेस की नीति और महिलाओं के प्रति हक की आवाज उठाने को लेकर मिलेगा।

महाराष्ट्र के चुनाव में महिला कांग्रेस की ओर से मुझे भी जिम्मेदारी दी गई है। मध्य प्रदेश से मुझे मुंबई भेजा गया है। यहां पर मुंबई के अलावा मैंने महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में जाकर महसूस किया कि इस बार यहां पर महिला मतदाता निर्णायक भूमिका हैं। इन निर्णायक मतदाताओं में इस बार महाविकास अघाडी का झुकाव ज्यादा दिखाई दे रहा है। अलका लांबा ने महिलाओं के बीच कांग्रेस की पैठ मजबूत करने के लगातार प्रयास किए हैं। सौम्य सी दिखाने वाली अलका लांबा  के मजबूत और प्रभावी व्यक्तित्व की गूंज  दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति से उभर कर सामने आयी । अलका लांबा के रुप में एक मजबूत और प्रभावी व्यक्तिव और चेहरा, चांदनी चौक से विधायक के रूप में दिल्ली वालों को मिला था। उनका जो सफर दिल्ली यूनिवर्सिटी और चांदनी चौक के विधायक के रूप में शुरू हुआ वह अब महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में और उभर कर सामने आया है।

उनका कार्यकाल अभी बहुत लंबा तो नहीं हुआ, लेकिन कम समय में उन्होंने महिला कांग्रेस में देश भर में क्रांति सी ला दी है, कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं के साथ ही आम महिलाओं में भी जोश सा भर गया। लड़की हूं लड़ सकती हूं की जीती जागती मिसाल बन चुकी अलका लांबा ने अध्यक्ष बनते ही महिला कांग्रेस को मजबूत करने की अपनी रणनीति तैयार की। उन्होंने  देश के विभिन्न प्रांतों का दौरा किया। यह दौरा सामान्य से अलग हट कर था। उन्होंने इस दौरे में  महिलाओं को उनकी काबिलियत के अनुरूप पार्टी में काम करने के लिए चुनने का काम किया। उनका संदेश साफ था कि यदि एक महिला, दूसरी महिला का साथ देने लगे तो महिलाएं हर मुश्किल को आसानी से जीत सकती है। लांबा ने अपने ही जैसी महिलाओं की तलाश शुरू की थी, जो संघर्ष से घबराए नहीं, महिलाओं की बुलंद आवाज बन कर वे खड़ी रहे। उनके इन्हीं प्रयासों से नारी न्याय आंदोलन की गूंज हर राज्य में हुई। लाल रंग के कपड़ों में नारी शक्ति के रूप में महिलाओं को उनकी काबिलियत के अनुरूप चुनने का काम किया। 

अलका लांबा ने हर प्रांत में, हर राज्य में अपनी जैसी अलका की तलाश शुरू कर दी जो संघर्ष से घबराये नहीं। जो महिलाओं को न्यास दिलाने के लिए खुलकर सामने आ सके। उन्हें न्याय दिला सके।  अलका लांबा  ने 15 सितंबर को महिला कॉंग्रेस की स्थापना के अवसर पर महिला कॉंग्रेस का सदस्यता अभियान शुरू किया जिसने इतिहास रच दिया। मात्र 30 दिनों में 100 रुपये का सदस्यता शुल्क अदा कर ढ़ाई लाख से अधिक महिलाएं देशभर में महिला कांग्रेस की सदस्य बनी और उनका ये 100 रुपया महज एक साधारण सा शुल्क नहीं था बल्कि महिलाओं की आर्थिक आजादी तय करने का, उन्हें आर्थिक न्याय के साथ ही राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण की दिशा में मजबूत करने के लिए उठने वाला मजबूत कदम था। जिसके माध्यम से अलका लांबा ने  राहुल गाँधी  की मंशा को पूरा करते हुए नारी न्याय आंदोलन के माध्यम से औरतों को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत करने का प्रयास तेज किया। यह सदस्यता अभियान निरंतर जारी है।

महाराष्ट्र और झारखंड में भी अलका लांबा के प्रयास रंग लाते हुए दिखाई दे रहे हैं। महाराष्ट्र से लेकर झारखंड की अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाएं अब कांग्रेस के साथ न सिर्फ दिखाई दे रही है, बल्कि वे कांग्रेस के लिए कृतसंकल्पित भी है। इन दोनों राज्यों में महिलाओं के बीच जाने पर यह लगता है कि दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनेगी। जिसमें महिलाओं का योगदान विशेष रूप से रहेगा। अलका लांबा के नेतृत्व में कांग्रेस  महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान ही नहीं बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति सुधारने, राजनीति में सम्मान पूर्ण स्थान दिलाने  के साथ ही आर्थिक रूप से सबल बनाने के दरवाजे खोले है जो आपको गांव, गली, मोहल्ले, गरीब, पिछड़े इलाकों में महिलाओं द्वारा चलाये जाने वाले लघु उद्योग अथवा अन्य कुटीर उद्योग  के रूप में नजर आयेंगे।(विनायक फीचर्स)(लेखिका मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष हैं।


No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template