Upgrade Jharkhand News.विश्व में जिस प्रकार परमाणु शस्त्रों की होड़ लगी हुई है वह दुनिया भर की शांति के लिए एक बड़ा खतरा बनता नजर आ रहा है। विश्व आज परमाणु बमों के एक ऐसे ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठा नजर आ रहा है जो दुनिया को कभी भी समाप्त कर सकता है। रूस यूक्रेन युद्ध दोनों देशों के लिए विनाश का बड़ा कारण बन रहा है तो इजराइल फिलीस्तीन में भी जो युद्ध चल रहा है वह भी अनेक आशंकाओं की ओर इशारा कर रहा है। रोज बड़े-बड़े शस्त्रों का प्रयोग हो रहा है,नित नये राकेट और मिसाइल दागे जा रहे हैं।
विश्व की बड़ी शक्तियों अमेरिका,रूस, उत्तरी कोरिया और अन्य कई देशों में परमाणु बमों के प्रसार के कारण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि व्यापक विनाश के शस्त्रों को नष्ट नहीं किया गया तो आने वाले समय में स्थिति विस्फोटक हो सकती है।
विश्व में कितने परमाणु बम मौजूद है इसका ठीक आंकड़ा अभी तक किसी के पास मौजूद नहीं है ।अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि दो दशक पहले शीत युद्ध की समाप्ति के पश्चात भी दुनिया भर में परमाणु बमों की संख्या 25000 के ऊपर बताई जाती है जो विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है । 2000 से ज्यादा परमाणु बम तो अकेले अमेरिका के ही पास है जबकि 1500 परमाणु बम रूस के पास है ,उत्तरी कोरिया भी समय-समय पर अमेरिका को परमाणु बम की धमकियां देता नजर आता है लेकिन अमेरिका की गुप्तचर एजेंसी का मानना है कि उत्तरी कोरिया भी परमाणु शक्ति से लैस है।
उधर, पाकिस्तान भी परमाणु शक्ति है उसके पास भी 120 से लेकर 130 एटम बम होने की संभावना है, इसी के कारण वह समय समय पर भारत को युद्ध की धमकी देता रहता है ,कश्मीर का मुद्दा एटमी युद्ध का कारण बन सकता है। अमेरिका के रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत -पाकिस्तान में एटमी युद्ध हुआ तो पाकिस्तान का नामोनिशान मिट जाएगा । अमेरिका और रूस के पास ऐसे परमाणु बम हैं,जो बहुत कम समय में दुश्मन के ठिकानों पर फेंके जा सकते हैं। विश्व के सभी परमाणु शक्ति संपन्न देशों के पास इतने एटम बम मौजूद हैं कि कई बार धरती को मानव रहित किया जा सकता है।
अमेरिका के वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस प्रकार विश्व में परमाणु बमों का विस्तार हो रहा है वह विश्व के लिए खतरा है। आज आतंकवादी समूह भी इन शस्त्रों को प्रयोग करने के लिए बड़े-बड़े प्रयास कर रहे हैं, यदि एटम बम की प्रणाली आतंकवादी समूहों तक पहुंचती है तो यह विश्व शांति के लिए निस्संदेह बड़ा खतरा बन सकता है। भारत ने 1965 और 1971 में पाकिस्तान के विरुद्ध परंपरागत शस्त्रों का प्रयोग किया था, लेकिन कारगिल युद्ध में भारत ने आधुनिक शस्त्रों का प्रयोग किया जिससे पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी।
आज उत्तर कोरिया कह रहा है कि उसे दक्षिणी कोरिया से खतरा है। ईरान कह रहा है कि उसे इजराइल से खतरा है । चीन अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ छोटे देशों को हड़पने में लगा हैं। रुस -यूक्रेन आपस में लड़ रहे हैं तो इजरायल-फिलीस्तीन के संघर्ष में दूसरे देश भी कूदने लगे हैं।। इन्हीं सब के कारण परमाणु युद्ध के खतरे बढ़ रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका की एम्यूनेशन कंपनियों में शस्त्रों की सबसे बड़ी मांग भारत में है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि भारत हमेशा से सबसे अधिक आतंकवाद का शिकार रहा है। इसलिए सदैव अच्छे मारक हथियारों से लैस रहना भारत की आवश्यकता है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई ने भी परमाणु शस्त्रों की खरीद फरोख्त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ,जिसके कारण पाकिस्तानी फौज के कई अधिकारी/कर्मचारियों पर शिकंजा कसा हुआ है। सूत्रों से आगे जानने को मिला कि पाकिस्तानी फौज के कई सेवानिवृत अधिकारी और कर्मचारी इसी के लिए काम कर रहे हैं। परमाणु शस्त्रों पर बैठी आज की दुनिया कभी भी नष्ट हो सकती है, इसकी भविष्यवाणी भी की जा चुकी है ,लेकिन जिस प्रकार सभी देश विनाशकारी शस्त्र तैयार कर रहे हैं उससे लगता है कि किसी को भी दुनिया या मानव जाति की चिंता नहीं है ,वही वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि भारत पाकिस्तान में एटमी युद्ध हुआ तो पाकिस्तान तो खत्म हो ही जाएगा साथ ही भारत को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। पाकिस्तान सदा के लिए समाप्त हो जाएगा जबकि भारत वर्ष सदैव जिंदा रहेगा।
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