Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template

Bhopal. बाईबल का पहला हिंदी अनुवाद और मुंगेर का संबंध , First Hindi translation of Bible and relation of Munger

 


Upgrade Jharkhand News.  भारत के चर्च के इतिहास में ईसाई धर्म के प्रमुख ग्रंथ ‘बाईबल’ का हिन्दी में अनुवाद एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि इसके माध्यम से देश की एक बड़ी आबादी के बीच प्रभु यीशु के पवित्र संदेशों का प्रचार-प्रसार हुआ। ग़ौरतलब है कि बाईबल का यह पहला पूर्ण अनुवाद मुंगेर के एक बैपटिस्ट मिशनरी (धर्म-गुरू) जान पारसन्स  ने किया। यहां बाईबल के ‘न्यू टेस्टामेंट’ अर्थात् ‘नया धर्म नियम’ का अनुवाद हुआ था। जिस बैपटिस्ट मिशन में अनुवाद के इस महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम दिया गया, वो बिहार के मुंगेर शहर के क़िला-क्षेत्र में सूफ़ी पीर नफ़ा शाह की मज़ार के निकट, गंगा के पश्चिमी तट पर, सुजी घाट पर हरे-भरे घने पेड़ों के बीच स्थित है।



यह भी एक संयोग की बात है कि मुंगेर, जिसकी पहचान इसके पुराने किले और इसके इर्द-गिर्द हुए सत्ता-संघर्ष की लड़ाइयों और बंदूक-बारुद के धमाकों के लिये है, लेकिन वहीं से पूरे देश में प्रभु यीशु के शांति संदेश भी फैले। मुंगेर की अहमियत जहां ईसाईयों के पवित्र धर्म-ग्रंथ की अनुवाद-स्थली होने के कारण है, वहीं भारत में बैपटिस्ट मिशन की स्थापना करनेवाले विलियम कैरी के नाम के साथ जुड़े होने के कारण भी है। मुंगेर ईसाइयों और उनके धर्म-प्रचारकों का पसंदीदा शहर रहा है जिसकी गवाही आज भी यहां की सिमेट्री में बनी  अनगिनत कब्रें दे रही हैं। बाईबल के ओल्ड और न्यू टेस्टामेंट में प्रभु यीशु की भविष्यवाणियां और उनके पूर्ण होने के दृष्टांत संग्रहित हैं। न्यू टेस्टामेंट में मत्ती रचित सुसमाचार में बताया गया है कि यीशु एक महान गुरु हैं जिनको परमेश्वर की व्यवस्था की व्याख्या करने का अधिकार है तथा जो परमेश्वर के राज्य की शिक्षा देते हैं।


मुंगेर के गंगा तट पर स्थित बैपटिस्ट मिशन, जहां बाईबल का प्रथम हिन्दी अनुवाद हुआथा, मिशन कोठी के नाम से जाना जाता है, भारत में चर्च के इतिहास और मिशनरी गतिविधियों का गवाह रहा है। एक समय यहां भारत में बैपटिस्ट मिशन की स्थापना करने वाले विलियम कैरी रहा करते थे। भारत में बाईबल के हिन्दी अनुवाद का इतिहास बड़ा ही रोचक है जिसका सिलसिला जर्मन मिशनरी (धर्म-गुरू) बेंजामिन शुल्ज़ के साथ सन 1726 के आस-पास शुरू होता है जिसे मुंगेर के बैपटिस्ट मिशनरी जान पारसन्स ने अंजाम तक पहुंचाया। बाईबल के हिन्दी अनुवाद के प्रारंभिक चरण में ब्रिटिश मिशनरी विलियम कैरी (1761-1834) का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। लेकिन कैरी के अनुवाद की भाषा बहुत कठिन होने के कारण इसमें सुधार की सख़्त ज़रूरत महसूस की गयी,  जिसे मुंगेर के जान पारसन्स ने पूरा किया। जान पारसन्स इंग्लैंड के लोपरटन, सोमरसेट के रहने वाले थे। सन 1881 में लखनऊ से प्रकाशित और बी. एच. बेडले द्वारा सम्पादित ‘इंडियन मिशनरी डाइरेक्टरी एण्ड मेमोरियल वॉल्यूम’ बताता है कि ‘पारसन्स, जो न्यू टेस्टामेंट के हिन्दी अनुवाद के काम से जुडे थे, सन 1840 में भारत आये और मुंगेर में रहे तथा उनकी मृत्यु सन 1869 में हुई।’



पारसन्स ने एक सफल मिशनरी (धर्म-उपदेशक) एवं व्यवहारिक तथा प्रबुद्ध उपदेशक की तरह 29 वर्षों तक मुंगेर में रहकर अपने धर्म  के लिये काम किया। मुंगेर के सीताकुंड रोड पर मुफ़स्सिल थाने के बगल में स्थित कब्रिस्तान में उन्हें दफ़नाया गया था। पारसन्स के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर रौशनी डालते हुए तथा बाईबल के हिन्दी अनुवाद में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान का उल्लेख करते हुए उनकी कब्र के शिला-लेख पर अंकित है कि ‘वे हिन्दी के एक परिपक्व विद्वान और सक्षम अनुवादक थे। उनके द्वारा अनुवादित न्यू टेस्टामेंट का हिन्दी संस्करण अतुलनीय है।’ओमेली के मुंगेर ज़िला गज़ेटियर (1909) के अनुसार ‘वर्तमान में जिस न्यू टेस्टामेंट का उपयोग किया जाता है, वो मुंगेर के एक बैपटिस्ट मिशनरी द्वारा अनुवाद किया गया है।’ इस संदर्भ में मुंगेर ज़िला गज़ेटियर, 1960 में ज़िक्र किया गया है कि ‘मुंगेर के एक मिशनरी के द्वारा न्यू टेस्टामेंट का  पहला हिन्दी अनुवाद किया गया था। पारसन्स की क़ब्र पर खुदे शिला-लेख से ‘बेशक यह पता चलता है कि न्यू टेस्टामेंट का पहला हिन्दी अनुवाद संभवतः पारसन्स ने ही किया था,लेसली ने नहीं ।’ इस तरह यह स्थापित तथ्य है कि भारत की एक बड़ी आबादी के बीच प्रभु यीशु के संदेशों को पहुंचाने में मुंगेर का योगदान ऐतिहासिक है। शिव शंकर सिंह पारिजात



No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template