Guwa Sandeep Gupta) । नवम्बर-2024 माह में रक्त सेवा सदस्य के 61 रक्तदाताओं ने 61 यूनिट रक्तदान कर मरीजों को नयी जीवन प्रदान किया है। इस ग्रुप में शामिल रक्तदाता अबतक शत फीसदी मरीजों को निःशुल्क रक्तदान करने में सफलता पाई है। नवम्बर माह में 61 रक्तदाताओं सबसे अधिक टाटा स्टील की नोवामुण्डी अस्पताल में भर्ती 56 मरीजों को रक्तदान किया। इसके बाद आइजीएच, राउरकेला में दो, चंपुआ, चाईबासा एवं कोलकाता अस्पताल के एक-एक मरीज के लिये रक्तदान किया।
जिन रक्तदाताओं ने नवम्बर माह में रक्तदान किया उसमें विक्रम सिंह, सत्यजीत मंडल, अंकित गिरी, बुधराम हेंब्रम, सुहेल गोप, राजकुमार साहनी, जॉनसन पूर्ती, मनोज निषाद, प्रभाकर महापात्र, ऋतिक ठक्कर, अमरनाथ राय, केशव चंद्र दास, निक्सन कुजूर, सूरज निषाद, पंकज शाह, गिरिजा गोप, जयपाल बोईपाई, जोगेंद्र करूवा, राजकुमार तांती, मंगल लागूरी, कुलदीप सीरिका, योगेश दास, रवि पात्र, सूरज मुखी, पंकज ठाकुर, आशीष दास, शिव राज, बीरू बेहरा, अजय बेहरा, रिषभ भुइयां, अरुण गोच्छाईत, गंगाधर पान, विनय महतो, मनीष गुप्ता, मासीउर रहमान, गौर चंद्र पान, पंकज प्रधान, जयसिंह चातोम्बा, सोनाराम हेम्ब्रम, दीपक प्रसाद गुप्ता, सुशांत आपट, मो0 साजिद अंसारी, गणेश बेहरा, सुनील पान, शिवा नायक, प्रकाश गोप, अमित दास, प्रकाश रजक, अरुण लोहार, सुरेश चंद्र हेम्ब्रम, मनजीत यादव,सुमंत महंता, अमित प्रधान, नीलू सुरेन, सुरेश गुड़िया, चक्रधर करूवा (सभी नोवामुण्डी अस्पताल), चंदन कुमार (चंपुआ अस्पताल), नदीम खान, मनीष हेमब्रम (आईजीएच, राउरकेला), रूपेश सरकार (चाईबासा सदर अस्पताल) एवं अमृत मंडल (पुरुलिया अस्पताल) शामिल हैं।
14 सितम्बर-2022 को रक्त सेवा सदस्य सारंडा ग्रुप की पहली नीव सारंडा के प्रसिद्ध समाजसेवी संतोष कुमार पंडा ने रखी थी। लेकिन आज यह ग्रुप सेवा भावना के लक्ष्यों को हासिल करते हुये निरंतर आगे बढ़ते हुये विभिन्न प्रखंडों में अलग-अलग 10 ग्रुप बना लिया है जिसमें हजारों सदस्य इन ग्रुपों से जुड़कर लोगों की जान बचाने हेतु निरंतर रक्तदान कर रहे हैं। रक्त सेवा सदस्य की 10 अलग-अलग ग्रुपों में रक्त सेवा सदस्य सारंडा, चाईबासा, मनोहरपुर, बड़बिल, चक्रधरपुर, राउरकेला, जगन्नाथपुर, चंपुआ, नोवामुण्डी एवं युवा शक्ति रक्त सेवा सदस्य ग्रुप शामिल है।
इस ग्रुप का लक्ष्य है कि झारखण्ड के सभी प्रखंड में ऐसा ग्रुप बनाकर रक्तदान करने वाले युवाओं को जोड़ रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों की जान बचाना है। रक्त सेवा सदस्य ग्रुप के संस्थापक संतोष कुमार पंडा ने बताया की तीन बातों को हम रक्त सेवा सदस्य हमेशा दिल में याद रखते हैं। हमारा उद्देश्य क्या है, हमारा संकल्प क्या है और हमारा लक्ष्य क्या है। हमारा संकल्प है कि हमारे अस्पताल से रक्त कमी से जूझ रहा एक भी मरीज रक्त नहीं मिलने पर अस्पताल से वापस नहीं जाए। हमारा यह संकल्प है रक्तदान होगा, हर हाल में होगा। हमारा उद्देश्य है कि रक्त कमी से जूझ रहे मरीज को तत्काल निशुल्क रक्तदान के साथ-साथ इस देश एवं समाज के लिए किसी मरीज की जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले रक्तदाताओं को समाज में उचित सम्मान मिल सके। हमारा लक्ष्य, रक्त सेवा सदस्य ग्रुप सारंडा से पूरे झारखंड प्रदेश में जाएगी। हम दिन चार रहे ना रहे, यह ग्रुप की वैभव अमर रहेगी। गर्व से कहो हम रक्त सेवा सदस्य हैं।
यह सिर्फ रक्तदान नहीं है यह रक्त क्रांति है। रक्तदान करने का अर्थ है किसी को जीवन दान करना। रक्त न किसी दुकान में मिलता है, न किसी पेड़ पर उगता है। न कोई इसे लैब में बना सकता है। सिर्फ और सिर्फ एक मनुष्य ही दूसरे मनुष्य को यह जीवन दान दे सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल मरीज को 5 करोड़ यूनिट खून की जरूरत पड़ती है, जबकि उपलब्ध खून सिर्फ 2.5 करोड़ यूनिट है। हर दो सेकेंड पर देश में किसी को खून की जरूरत होती है। हर दिन 38 हजार से ज्यादा लोगों को रक्तदान की जरूरत पड़ती है। देश में हर साल 10 लाख से ज्यादा कैंसर के नए पेशेंट्स आते हैं, जिन्हें खून की जरूरत पड़ती है।
अगर किसी का सीवियर कार दुर्घटना हो जाए तो उसे 100 यूनिट तक खून चढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है। आप समझ सकते हैं कि रक्तदान की स्थिति कितनी क्रिटिकल है। डिमांड और सप्लाय में बहुत फर्क है और इसका सबसे बड़ा कारण है, लोगों में जागरूकता का अभाव। लोगों को पता ही नहीं है कि रक्तदान करने से डोनर को भी हेल्थ बेनिफिट होता है। लेकिन रक्त सेवा सदस्य ग्रुप युवाओं को रक्तदान के प्रति निरंतर जागरुक कर रहा है।
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