Jamshedpur (Nagendra) गुरु के रूप में महर्षि सांदीपनि ने भगवान श्रीकृष्ण को 64 कलाओं की शिक्षा दी थी और मृत पुत्र को फिर से जीवित करने की मांग गुरु दक्षिणा में की थी जिनकी मृत्यु बचपन में हो गई थी। श्री हरिवंश महापुराण के पांचवें दिन हरियाणा से आए महाराज श्री रविकांत वत्स ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए श्रोताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण ने अपने गुरु की मांग का आदर करते हुए जल के स्वामी भगवान वरुण के पास गए।
नागलोक से पांच कुल का हुआ था निर्माण - कथा के दौरान महाराज रविकांत ने बताया कि यदु एक बार यमुना नदी में स्नान करने गए तो नागलोक के देवता उन्हें खीचकर अपने लोक ले गए और अपनी पांच कन्याओं का विवाह उनसे कराया। इससे पांच कुल, अंदक, यादव, कुश, रैवत और वैवरणी बने। इसी कुल से सुरसेन, वासुदेव, कुंती और माधवी उत्पन्न हुए थे।
वहीं, कथा में उन्होंने बताया कि भगवान को उनकी माता यशोदा ने रस्सी से बांध दिया था इसलिए उनका नाम दामोदर पड़ा। गौ की रक्षा करने के लिए उन्हें गोपाल और इंद्र द्वारा गौ के पूजनीय होने के कारण इन्हें गोविंद भी कहा जाता है।
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